Pocket Mein Aasmaan 17 April 2025 Written Update

Ritika Pandey
11 Min Read

Rani’s Struggle at the Camp रानी की मुश्किलें और अलिशा की साजिश –

Pocket Mein Aasmaan 17 April 2025 Written Update: आज का एपिसोड दिल को छू लेने वाली भावनाओं, पारिवारिक तनाव और छिपी साजिशों से भरा हुआ है। यह कहानी रानी की मेहनत, दिग्विजय की चिंता और सोहम के इरादों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें अलिशा की चालबाजियां एक नया मोड़ लाती हैं। मेडिकल कैंप में रानी की छोटी-सी गलती से शुरू हुआ ड्रामा धीरे-धीरे एक ऐसी साजिश की ओर बढ़ता है, जो न केवल रानी और दिग्विजय के रिश्ते को प्रभावित करती है, बल्कि परिवार की उम्मीदों और सामाजिक दबावों को भी उजागर करती है।

एपिसोड की शुरुआत एक व्यस्त मेडिकल कैंप से होती है, जहां रानी, जो गर्भवती है, अपने काम में पूरी तरह डूबी हुई है। वह एक मरीज का ब्लड प्रेशर चेक करती है, लेकिन गलती से उसके नोट्स पर चाय गिर जाती है। रानी परेशान होकर नोट्स दोबारा बनाने की कोशिश करती है, लेकिन समय की कमी उसे तनाव देती है। उसी दौरान, एक सीनियर जानबूझकर रानी के फोन पर पानी गिरा देता है, जिससे उसका फोन खराब हो जाता है और स्विच ऑफ हो जाता है। सीनियर चुपके से रानी और सोहम की तस्वीर भी ले लेता है, जो बाद में साजिश का हिस्सा बनती है। यह घटना रानी को दिग्विजय से संपर्क करने से रोकती है, और कहानी को एक नया रुख मिलता है। दिग्विजय, जो एक समर्पित डॉक्टर और पति है, रानी की चुप्पी से चिंतित हो जाता है। वह बार-बार फोन करता है, लेकिन रानी का नंबर स्विच ऑफ होने से उसका डर बढ़ता जाता है।

इधर, अलिशा की चालबाजियां कहानी में आग लगाने का काम करती हैं। वह दिग्विजय को यह यकीन दिलाने की कोशिश करती है कि सोहम, जो रानी का प्रोफेसर है, पुरानी दुश्मनी के चलते रानी का इस्तेमाल कर रहा है। अलिशा का मकसद साफ है—वह रानी और दिग्विजय के बीच गलतफहमियां पैदा करके अपने लिए जगह बनाना चाहती है। वह दिग्विजय के सामने सोहम के पिछले एहसानों को इस तरह पेश करती है, जैसे वह सब एक साजिश का हिस्सा हो। जब दिग्विजय एक हाई-प्रोफाइल केस के बारे में बताने में असफल रहता है, तो अलिशा उससे पूछती है कि क्या कोई परेशानी है। दिग्विजय बताता है कि वह रानी से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ है। अलिशा मौके का फायदा उठाकर सोहम के खिलाफ और जहर उगलती है। वह सोहम का नंबर ब्लॉक कर देती है और बाद में सोहम के कॉल को खुद उठाकर दिग्विजय को गलत जानकारी देती है। पिंकी, जो अलिशा की दोस्त है, उसकी इस चाल से प्रभावित होती है और उसकी तारीफ करती है।

कैंप में हालात और बिगड़ते हैं, जब रानी वॉशरूम जाने का फैसला करती है। एक सीनियर चालाकी से उसे एक ऐसे वॉशरूम में भेजता है, जिसके बाहर “मेंटेनेंस में” का बोर्ड लगा होता है, और फिर उसे बाहर से ताला लगा देता है। रानी मदद के लिए चिल्लाती है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं होता। यह सीन दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि यह सीनियर की सुनियोजित साजिश है। सोहम, जो कैंप में मौजूद है, आखिरकार रानी की आवाज सुनता है और उसे बचाता है। लेकिन तब तक बस निकल चुकी होती है। रानी और सोहम को अब रात कैंप के पास एक गेस्ट हाउस में बितानी पड़ती है, जो रानी के लिए और मुश्किलें खड़ी करता है। वह जानती है कि घर पर नारायणी, उसकी सास, पहले से ही उससे नाराज है। नारायणी का गुस्सा और चिंता इस बात को और जटिल बनाते हैं कि रानी की अनुपस्थिति परिवार में कितना बड़ा मुद्दा बन सकती है।

घर पर नारायणी और बाकी परिवार रानी की देरी से परेशान हैं। नारायणी रानी की देरी के लिए गायत्री, परिवार की एक अन्य सदस्य, को दोष देती है, जो रानी का समर्थन करती रही है। विजय, परिवार का एक समझदार सदस्य, नारायणी को शांत करने की कोशिश करता है और कहता है कि रानी शायद ट्रैफिक में फंस गई होगी। देबू, रानी का देवर, बताता है कि दिग्विजय सर्जरी में व्यस्त है और उसने अपना फोन अलिशा को दे रखा है। नारायणी का गुस्सा इस बात से और भड़कता है कि रानी ने वादा किया था कि वह 7 बजे तक घर पहुंचेगी। परिवार में तनाव बढ़ता है, और दिग्विजय की अनुपस्थिति इस तनाव को और गहरा देती है।

इस बीच, अलिशा अपनी चाल में कामयाब होती नजर आती है। वह दिग्विजय को बताती है कि सोहम ने उसे फोन करके कहा कि वह और रानी रात को कैंप में रुक रहे हैं। दिग्विजय, जो पहले से ही रानी की सुरक्षा को लेकर परेशान है, अलिशा की बातों से और उलझन में पड़ जाता है। वह गुस्से में रानी को लाने के लिए निकल पड़ता है, भले ही रास्ता सुरक्षित न हो। अलिशा उसे और भड़काती है, यह कहकर कि सोहम जानबूझकर रानी को अपने साथ रख रहा है ताकि उससे बदला ले सके। दिग्विजय अपनी मां नारायणी को फोन करके बताता है कि रानी कैंप में रुकी है, जिससे परिवार में और हंगामा मच जाता है।

एपिसोड का अंत एक भावनात्मक और रहस्यमयी मोड़ पर होता है। रानी, जो सोहम के साथ गेस्ट हाउस की ओर जा रही है, अपने परिवार और दिग्विजय की चिंता से परेशान है। वह सोहम के फोन से दिग्विजय को कॉल करती है, लेकिन अलिशा कॉल उठाती है और जानबूझकर गलतफहमी बढ़ाती है। दूसरी ओर, दिग्विजय की गलतफहमियां और अलिशा की साजिश कहानी को और उलझा देती हैं। आखिरी सीन में एक रहस्यमयी आवाज सुनाई देती है, जो कहती है, “रानी, तुमने मेरे बेटे की जिंदगी बर्बाद कर दी।” यह संकेत देता है कि कोई पुरानी दुश्मनी या साजिश अभी भी बाकी है, जो अगले एपिसोड में खुल सकती है। क्या रानी और दिग्विजय इस तूफान से निकल पाएंगे, या अलिशा की चाल कामयाब हो जाएगी?


अंतर्दृष्टि

इस एपिसोड में भारतीय परिवारों की गहरी भावनाओं और सामाजिक दबावों को बखूबी दिखाया गया है। रानी का किरदार एक ऐसी बहू का है, जो अपने सपनों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। उसकी गर्भावस्था कहानी में एक अतिरिक्त भावनात्मक परत जोड़ती है, क्योंकि वह न केवल अपनी पढ़ाई और करियर के लिए मेहनत कर रही है, बल्कि परिवार की उम्मीदों को भी पूरा करना चाहती है। दिग्विजय का प्यार और चिंता इस बात को दर्शाती है कि भारतीय पुरुष, खासकर पति, अपनी पत्नी की सुरक्षा के लिए कितना कुछ कर सकते हैं। लेकिन अलिशा का किरदार इस कहानी में एक कड़वा सच लाता है—कैसे ईर्ष्या और साजिश किसी भी रिश्ते को तोड़ सकती है। सोहम का किरदार अभी तक रहस्यमय बना हुआ है। क्या वह वाकई रानी की मदद कर रहा है, या उसके इरादे कुछ और हैं? यह सवाल दर्शकों को अगले एपिसोड का इंतजार करने पर मजबूर करता है। कुल मिलाकर, यह एपिसोड यह दिखाता है कि प्यार, विश्वास और गलतफहमियां एक परिवार को कैसे एक साथ बांधती भी हैं और तोड़ती भी हैं।

समीक्षा

यह एपिसोड अपनी कहानी और किरदारों की गहराई के लिए तारीफ का हकदार है। लेखकों ने रानी और दिग्विजय के रिश्ते को बहुत ही संवेदनशीलता के साथ पेश किया है, जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से बांधे रखता है। अलिशा की चालबाजियां कहानी में जरूरी ट्विस्ट लाती हैं, लेकिन उसका किरदार थोड़ा एकतरफा लगता है। शायद भविष्य में उसके इरादों के पीछे की कहानी और गहराई से दिखाई जाए। सोहम का किरदार अभी तक रहस्यमय है, जो कहानी को और रोचक बनाता है। सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक ने तनावपूर्ण और भावनात्मक सीन्स को और प्रभावशाली बनाया है। हालांकि, कुछ सीन्स, जैसे रानी का वॉशरूम में फंसना, थोड़े बनावटी लगे। फिर भी, यह एपिसोड अपनी तेज रफ्तार और भावनात्मक गहराई के साथ दर्शकों को बांधे रखता है।

सबसे अच्छा सीन

सबसे अच्छा सीन वह है, जब रानी वॉशरूम में फंसी होती है और सोहम उसे बचाने आता है। रानी की बेबसी और डर को जिस तरह दिखाया गया है, वह दर्शकों के दिल को छू जाता है। जब सोहम दरवाजा खोलता है और रानी उसे देखकर राहत की सांस लेती है, तो यह सीन बहुत ही भावनात्मक बन पड़ता है। यह सीन न केवल कहानी को आगे बढ़ाता है, बल्कि सोहम और रानी के बीच के रिश्ते को भी गहराई देता है। क्या यह विश्वास का रिश्ता है या कोई और साजिश? यह सवाल इस सीन को और यादगार बनाता है।

अगले एपिसोड का अनुमान

अगले एपिसोड में दिग्विजय का रानी को ढूंढने के लिए कैंप की ओर जाना कहानी में नया ड्रामा लाएगा। संभावना है कि अलिशा की साजिश और गहरा रूप लेगी, जिससे रानी और दिग्विजय के बीच गलतफहमियां बढ़ेंगी। सोहम का किरदार शायद और स्पष्ट होगा—क्या वह रानी का सच्चा हितैषी है या उसकी अपनी कोई योजना है? परिवार में नारायणी का गुस्सा और चिंता रानी के लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकती है। आखिरी सीन की रहस्यमयी आवाज, जो रानी को दोष दे रही थी, शायद किसी पुराने राज या दुश्मनी को उजागर करेगी। यह एपिसोड और भी भावनात्मक और रहस्यमय होने की उम्मीद है।

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