ऋषि ने बचाई झनक की जान
Jhanak 27 August 2025 Written Update हॉस्पिटल में माहौल बहुत गंभीर है। झनक की हालत नाजुक है। उसका एक्सीडेंट ऋषि की गाड़ी से हुआ था। ऋषि बहुत परेशान है। वह सोचता है कि यह उसकी जिम्मेदारी है। वह कहता है, “मैं साइन करूंगा, वरना झनक की जान खतरे में पड़ जाएगी।” लेकिन तनुश्री और अभिमन्यु उसे मना करते हैं। वे नहीं चाहते कि ऋषि कोई रिस्क ले। तनुश्री कहती है, “हमें तुम्हारी चिंता है, बेटा।” फिर भी, ऋषि का दिल नहीं मानता। वह झनक को बचाना चाहता है। नर्स कहती है, “जल्दी साइन करें, नहीं तो देर हो जाएगी।”

तभी दादाभाई और पुतुल हॉस्पिटल पहुंचते हैं। दादाभाई पूछते हैं, “डॉक्टर ने क्या कहा?” ऋषि बताता है कि झनक की हालत ठीक नहीं है। ऑपरेशन जल्दी करना होगा। दादाभाई ऋषि का साथ देते हैं। वे कहते हैं, “अगर तुम साइन करना चाहते हो, तो करो। मैं भी साइन कर सकता हूं, क्योंकि झनक मेरी बेटी जैसी है।” दादाभाई परिवार को डांटते हैं। वे कहते हैं, “तुममें इंसानियत बची ही नहीं!” ऋषि दृढ़ निश्चय करता है। वह कहता है, “मेरी वजह से यह हुआ, मैं साइन करूंगा।” नर्स उसे फॉर्म लेने के लिए ले जाती है।
फॉर्म में ऋषि को रिश्ता लिखना है। दादाभाई कहते हैं, “लिख दो कि तुम झनक के पति हो।” ऋषि पहले हिचकता है। वह सोचता है कि उसने यह शादी स्वीकारी नहीं। लेकिन दादाभाई समझाते हैं, “अब झनक की जान बचाना जरूरी है।” ऋषि फॉर्म में लिखता है कि वह झनक का पति है। ऑपरेशन शुरू हो जाता है। अभिमन्यु परेशान है। वह कहता है, “कब छुटकारा मिलेगा इस लड़की से? अब पुलिस केस भी होगा।”

ऑपरेशन के बाद डॉक्टर बताती है कि झनक की हालत अभी भी नाजुक है। अगले 72 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं। दादाभाई पूछते हैं, “क्या हमारी बच्ची ठीक हो जाएगी?” डॉक्टर कहती है, “मैं झूठा दिलासा नहीं दे सकती। लेकिन झनक जवान है, अगर उसकी इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो वह बच सकती है।” डॉक्टर ऋषि से कहती है, “आप अपनी पत्नी के लिए इतना कुछ कर रहे हैं, यह बहुत अच्छा है।” वह परिवार को झनक से मिलने की इजाजत देती है।
दादाभाई सबसे पहले झनक से मिलते हैं। झनक धीरे-धीरे आंखें खोलती है। दादाभाई कहते हैं, “बेटा, तू आराम कर। तू जल्दी ठीक हो जाएगी।” वे उसे डांटते भी हैं, “रोड क्यों नहीं देखा तूने?” नर्स कहती है कि झनक को ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए। दादाभाई बाहर आते हैं और ऋषि से कहते हैं, “जा, उससे मिल ले। उसे अच्छा लगेगा।”

ऋषि झनक के पास जाता है। वह सोचता है, “मैंने पहले भी पेपर्स में पति लिखा था। आज फिर वही हुआ।” झनक उसे देखकर रोने लगती है। ऋषि कहता है, “रो मत, तू ठीक हो जाएगी। मैंने तेरे परिवार को फोन करने की कोशिश की, पर नेटवर्क नहीं मिला। जरूरत पड़ी तो मैं शिमल मुनि जाऊंगा।” नर्स ऋषि की तारीफ करती है, “आपने अपनी पत्नी के लिए बहुत कुछ किया।” ऋषि झनक से कहता है, “तू बस आराम कर। मैं यहीं हूं।”
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अंतर्दृष्टि
झनक की हालत ने सबके दिल को छू लिया। ऋषि का जिम्मेदारी लेना दिखाता है कि वह कितना दयालु है। दादाभाई का साथ देना परिवार के प्यार को दर्शाता है। तनुश्री और अभिमन्यु की चिंता दिखाती है कि वे ऋषि को मुसीबत से बचाना चाहते हैं। झनक की इच्छाशक्ति अब उसकी जिंदगी की कुंजी है।
समीक्षा
यह एपिसोड भावनाओं से भरा है। ऋषि का साहस और दादाभाई की इंसानियत दिल को छूती है। कहानी में परिवार, जिम्मेदारी और प्यार की भावना खूबसूरती से दिखाई गई है।
सबसे अच्छा सीन
सबसे अच्छा सीन है जब ऋषि झनक से मिलता है। उसका झनक को हिम्मत देना और वादा करना कि वह ठीक हो जाएगी, बहुत भावुक है। यह दृश्य प्यार और जिम्मेदारी का प्रतीक है।
अगले एपिसोड का अनुमान
अगले एपिसोड में नूतन ऋषि को बताएगी कि अनिरुद्ध बोस झनक के पिता हैं। यह खुलासा कहानी में नया मोड़ लाएगा। क्या ऋषि इस सच को स्वीकार करेगा? जानने के लिए देखें Jhanak
Jhanak 26 August 2025 Written Update