Parineeti 18 April 2025 Written Update

Ritika Pandey
10 Min Read
Parineetii Colors TV Show Written Episode Updates in Hindi

Pari Stands by Her Loyalty परी और संजू के रिश्ते में गहराया संकट –

Parineeti 18 April 2025 Written Update में आज का एपिसोड दिल को छू लेने वाला और ड्रामे से भरपूर रहा, जो भारतीय परिवारों की भावनाओं, रिश्तों की जटिलताओं और सामाजिक मानदंडों को बखूबी दर्शाता है। कहानी का केंद्र है पार्वती और संजू का रिश्ता, जो एक गलतफहमी के तूफान में फंसकर टूटने की कगार पर पहुंच गया है। पार्वती, जिसे परी के नाम से भी जाना जाता है, अपने पति संजू (जो राजीव के नाम से भी पुकारा जाता है) के विश्वास को जीतने के लिए संघर्ष कर रही है, जबकि नीति और पृथ्वी की साजिशें उनके रिश्ते को और कमजोर करने में लगी हैं। इस एपिसोड में प्यार, विश्वास, बदला, और मां-बेटी के रिश्ते की गहराई को इतनी खूबसूरती से दिखाया गया कि दर्शकों का दिल पिघल गया।

एपिसोड की शुरुआत होती है संजू के गुस्से भरे आरोपों से, जो पार्वती पर विश्वासघात का इल्जाम लगाता है। “तुमने धोखा दिया है, परी!” उसका यह गुस्सा सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं, बल्कि उसके टूटे दिल की पुकार है। पार्वती, जो बेकसूर है, बार-बार अपनी बेगुनाही की दुहाई देती है, लेकिन संजू का गुस्सा और गलतफहमी उसे सुनने को तैयार नहीं। यह गलतफहमी नीति और पृथ्वी की साजिश का नतीजा है, जिन्होंने पार्वती को एक होटल के कमरे में विशाल नाम के व्यक्ति के साथ गलत स्थिति में फंसाने की कोशिश की। नीति, जो संजू से बेइंतहा प्यार करती है, इस मौके को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करती है और पार्वती की इज्जत पर सवाल उठाती है। उसका कहना है कि पार्वती ने शादी के बाद भी दूसरों के साथ गलत रिश्ते बनाए, जो संजू के दिल में जहर घोल देता है।

दूसरी ओर, पार्वती की मां अंबिका देवी सिंघानिया अपनी बेटी के दर्द को देखकर टूट जाती हैं। वह नीति और पृथ्वी को खरी-खोटी सुनाती हैं, उनकी साजिशों को “घटिया और घिनौना” बताते हुए। अंबिका का गुस्सा एक मां के प्यार और उसकी बेटी की इज्जत बचाने की जिद का प्रतीक है। वह पृथ्वी को चेतावनी देती हैं कि अगर उन्होंने पार्वती को फिर से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, तो वह उनकी “इज्जत की धज्जियां उड़ा देंगी।” अंबिका का यह गुस्सा और बदले की आग दर्शकों को बांधे रखती है, क्योंकि यह एक मां के साहस और उसकी बेटी के लिए लड़ने की ताकत को दर्शाता है।

इधर, पार्वती अपने ससुराल में अपनी जगह बचाने के लिए जूझ रही है। वह संजू से बार-बार मिलने की कोशिश करती है, लेकिन संजू का गुस्सा और नीति की चालें उसे रोकती हैं। एक मार्मिक दृश्य में पार्वती अपनी मां अंबिका से पूछती है, “क्या प्यार में बार-बार अपनी बेगुनाही साबित करनी पड़ती है?” यह सवाल हर उस इंसान के दिल को छूता है, जो रिश्तों में विश्वास की कमी से जूझता है। अंबिका अपनी बेटी को हिम्मत देती हैं और कहती हैं कि संजू ने भी पहले उसे समझाने की कोशिश की थी, जब पार्वती को उस पर शक हुआ था। वह पार्वती को सलाह देती हैं कि वह हार न माने और संजू को सच बताने की कोशिश करे।

एपिसोड का सबसे भावुक पल तब आता है, जब पार्वती अपने आत्मसम्मान को इकट्ठा करके संजू के सामने खड़ी होती है और कहती है, “मैं इस बार परी के हक से नहीं, बल्कि राजीव बाजवा की बीवी परनीत बाजवा बनकर आई हूं।” यह दृश्य पार्वती के साहस और अपने रिश्ते को बचाने की जिद को दर्शाता है। वह संजू से अपनी बात सुनने की गुहार लगाती है, लेकिन संजू का गुस्सा और नीति की मौजूदगी उसे रोक देती है। नीति, जो संजू को पार्वती से दूर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही, उसे ताने मारती है और कहती है कि उसका “कांड” सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गया है। पार्वती जवाब देती है कि यह उसका ससुराल है और संजू उसका पति, कोई उसे वहां से नहीं निकाल सकता। लेकिन नीति का जवाब कि यह “संजू का घर पहले है” और वह भी उसकी बहू थी, कहानी में एक नया मोड़ लाता है।

एपिसोड का अंत एक क्लिफहेंगर पर होता है, जहां पार्वती एक बार फिर संजू से अपनी बेगुनाही साबित करने की कोशिश करती है, लेकिन संजू का गुस्सा और नफरत भरा जवाब “आई हेट यू, परी!” उसे तोड़ देता है। क्या पार्वती अपने प्यार और ससुराल को बचा पाएगी? या नीति और पृथ्वी की साजिशें उनके रिश्ते को हमेशा के लिए खत्म कर देंगी? यह सवाल दर्शकों को अगले एपिसोड का बेसब्री से इंतजार करवाता है।


अंतर्दृष्टि

इस एपिसोड में रिश्तों की नाजुक डोर और विश्वास की अहमियत को बहुत खूबसूरती से दिखाया गया है। पार्वती का संघर्ष न सिर्फ अपने पति का प्यार वापस पाने का है, बल्कि समाज में अपनी इज्जत और पहचान को बचाने का भी है। भारतीय परिवारों में अक्सर देखा जाता है कि एक औरत को बार-बार अपनी बेगुनाही साबित करनी पड़ती है, और यह एपिसोड उस सच्चाई को सामने लाता है। अंबिका का किरदार एक मजबूत मां का प्रतीक है, जो अपनी बेटी के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। दूसरी ओर, नीति और पृथ्वी की साजिशें दिखाती हैं कि प्यार और बदले की आग में लोग कितना नीचे गिर सकते हैं। यह एपिसोड हमें सिखाता है कि रिश्तों में गलतफहमियां तो आती हैं, लेकिन उन्हें सुलझाने के लिए धैर्य और विश्वास जरूरी है। संजू का गुस्सा और पार्वती का दर्द हमें यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि क्या प्यार बिना विश्वास के जीवित रह सकता है?

समीक्षा

यह एपिसोड भावनाओं का एक रोलरकोस्टर है, जो दर्शकों को शुरू से अंत तक बांधे रखता है। पार्वती और संजू के बीच का तनाव, अंबिका का गुस्सा, और नीति की चालाकी हर किरदार को जीवंत बनाती है। लेखकों ने कहानी को बहुत संतुलित ढंग से पेश किया है, जहां न तो ड्रामा ज्यादा भारी लगता है और न ही कहानी अपनी गहराई खोती है। पार्वती का किरदार इस एपिसोड में सबसे ज्यादा चमकता है, क्योंकि वह टूटने के बावजूद हार नहीं मानती। हालांकि, संजू का बार-बार पार्वती पर शक करना थोड़ा खटकता है, क्योंकि यह उनके प्यार की गहराई पर सवाल उठाता है। नीति और पृथ्वी के किरदार खलनायकों के रूप में अपनी भूमिका बखूबी निभाते हैं, लेकिन उनकी साजिशें अब कुछ दोहराई हुई सी लगने लगी हैं। कुल मिलाकर, यह एपिसोड भावनात्मक गहराई, ड्रामे, और भारतीय परिवारों की जटिलताओं को दर्शाने में कामयाब रहा है।

सबसे अच्छा सीन

सबसे अच्छा सीन वह है जब पार्वती अपने आत्मसम्मान को इकट्ठा करके संजू के सामने खड़ी होती है और कहती है, “मैं इस बार परी के हक से नहीं, बल्कि राजीव बाजवा की बीवी परनीत बाजवा बनकर आई हूं।” यह दृश्य पार्वती के साहस, उसके प्यार की ताकत, और एक पत्नी के रूप में अपनी पहचान को दोहराने की जिद को दर्शाता है। संजू का गुस्सा और पार्वती की गुहार के बीच का तनाव इस दृश्य को अविस्मरणीय बनाता है। यह सीन न सिर्फ भावनात्मक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि एक औरत अपने रिश्ते को बचाने के लिए कितना संघर्ष कर सकती है।

अगले एपिसोड का अनुमान

अगले एपिसोड में हमें पार्वती और संजू के बीच और तनाव देखने को मिल सकता है, लेकिन पार्वती की कोशिशें शायद संजू के दिल में कुछ हद तक असर करें। अंबिका अपनी बेटी की इज्जत बचाने के लिए पृथ्वी के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठा सकती हैं, जो कहानी में एक नया मोड़ लाएगा। नीति की साजिशें और गहरी हो सकती हैं, और हो सकता है कि वह संजू को और करीब लाने की कोशिश करे। क्या पार्वती अपनी बेगुनाही साबित कर पाएगी, या नीति की चालें कामयाब होंगी? यह देखना रोमांचक होगा।


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