Anupama 23 April 2025 Written Update

Anupama Learns about Raghav’s Past राघव का चौंकाने वाला सच और परिवार में टूटता विश्वास –

Anupama 23 April 2025 Written Update आज का एपिसोड दिल को छू लेने वाली भावनाओं, पारिवारिक तनाव और छिपे हुए राज़ों से भरा हुआ है। राही अपने ऊपर हुए हमले के डर से घिरी हुई है, और उसका गुस्सा अनुपमा पर फूट पड़ता है, जो अपनी ममता और दूसरों की मदद करने की आदत के कारण परिवार के गुस्से का सामना करती है। राघव, जिसने राही पर हमला किया था, अब अनुपमा के सामने अपने अतीत का काला सच खोलता है और पराग कोठारी और वसुंधरा कोठारी को अपनी जिंदगी बर्बाद करने का जिम्मेदार ठहराता है। दूसरी ओर, पराग और वसुंधरा अपने परिवार के उस राज को छुपाने की कोशिश में हैं, जो पंखुड़ी से जुड़ा है। अनुपमा सच्चाई और झूठ के बीच फंसकर कान्हा जी से रास्ता दिखाने की प्रार्थना करती है। यह एपिसोड न केवल पारिवारिक रिश्तों की जटिलताओं को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सच्चाई कितनी भारी हो सकती है।

एपिसोड की शुरुआत राही के डर और असुरक्षा से होती है। प्रेम उसे समझाता है कि पुलिस राघव को पकड़ लेगी, लेकिन राही का डर कम नहीं होता। वह अनुपमा पर गुस्सा निकालती है, क्योंकि उसकी ममता ने एक अपराधी को पनाह दी। प्रेम उसे समझाता है कि अनुपमा को भी इस सच्चाई से गहरा दुख हुआ है, और वह राघव की सच्चाई से अनजान थी। दूसरी ओर, अनुपमा राघव के जाल में फंसी हुई है, जो उसे बंद कर देता है। हसमुख (बापू जी) अनुपमा को ढूंढते हैं, जबकि परीतोष कहता है कि वह अनु की रसोई से आ रही है और सब कुछ लॉक कर देता है। लीला (बा) सभी को दरवाजे-खिड़कियां बंद करने की सलाह देती हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि राघव फिर से हमला कर सकता है। किंजल का कहना है कि राघव पुलिस से छिप रहा है और वापस नहीं आएगा, लेकिन परी की बात कि अपराधी अक्सर ऐसी जगह छिपते हैं जहां कोई सोच भी नहीं सकता, लीला को और डराती है।

इधर, राघव अनुपमा को अपने अतीत का सच बताता है। वह कहता है कि पंखुड़ी, जो पराग कोठारी की बहन है, उसकी पत्नी थी। पंखुड़ी ने उसे कोठारी परिवार के सामने गलत साबित किया, एक सुसाइड नोट छोड़ा और गायब हो गई। पराग और वसुंधरा ने राघव पर पंखुड़ी के खून का इल्जाम लगाकर उसे जेल भिजवाया। राघव दावा करता है कि पंखुड़ी अभी जिंदा है और वह निर्दोष है। वह यह भी कबूल करता है कि उसने राही पर गलती से हमला किया था, जिसके लिए वह हजार बार पछतावा करता है। अनुपमा की इंसानियत, जिसने उसे इज्जत, काम और अनु की रसोई में परिवार जैसा प्यार दिया, ने उसे जीने की नई उम्मीद दी। लेकिन वह डरता था कि सच बताने पर अनुपमा उसे निकाल देगी। वह अनुपमा से माफी मांगता है और कहता है कि वह पराग और वसुंधरा के खिलाफ अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए आखिरी सांस तक लड़ेगा।

उधर, पराग और ख्याति अपने लॉकर में छिपे राज की बात करते हैं। ख्याति कहती है कि उसे नहीं पता कि पराग इतने सालों से क्या छिपा रहा है। वे आर्यन के गुस्से और परिवार के एकजुट होने की बात करते हैं, लेकिन राघव के बारे में सोचकर चिंतित हैं। पराग को डर है कि राघव उनके परिवार से जुड़ा है, और ख्याति चाहती है कि वह उनके परिवार से दूर रहे। लेकिन पराग और वसुंधरा एक बड़े राज को छिपा रहे हैं—पंखुड़ी, उनकी बहन, जिसे उन्होंने दुनिया से छुपाया। अनिल चेतावनी देता है कि यह राज अब ज्यादा दिन नहीं छिपेगा, जबकि वसुंधरा डरती है कि राघव सब कुछ बर्बाद कर देगा। गौतम, जो इस राज के बारे में सुन लेता है, अपने फायदे के लिए इसे और खंगालने का फैसला करता है।

एपिसोड का सबसे मार्मिक हिस्सा तब आता है, जब राही और परीतोष अनुपमा पर अपनी भड़ास निकालते हैं। राही कहती है कि अनुपमा की दूसरों को मौका देने की आदत ने उनके परिवार को खतरे में डाला। वह अनुपमा को दोष देती है कि उसने एक अपराधी पर भरोसा करके अपनी बेटी को नजरअंदाज किया। परीतोष भी कहता है कि अनुपमा हमेशा अपनी मनमानी करती है, और उसके फैसले परिवार को परेशानी में डालते हैं। राही का गुस्सा तब और बढ़ जाता है, जब वह कहती है कि अनुपमा ने पहले अनुज को और अब उसे इग्नोर किया। वह अनुपमा की महानता को उनके रिश्तों पर भारी पड़ने का दोष देती है। अनुपमा, जो राघव की बातों से पहले ही उलझन में है, अपनी बेटी के कड़वे शब्दों से टूट जाती है। वह कान्हा जी से प्रार्थना करती है कि उसे सही और गलत का रास्ता दिखाएं।


अंतर्दृष्टि

यह एपिसोड परिवार, भरोसा और सच्चाई की जटिलताओं को उजागर करता है। अनुपमा का दूसरों की मदद करने का स्वभाव, जो उसकी सबसे बड़ी ताकत है, इस बार उसके परिवार के लिए मुसीबत बन जाता है। राही का गुस्सा और डर जायज है, लेकिन वह अनुपमा की ममता को समझने में नाकाम रहती है। राघव की कहानी सवाल उठाती है कि क्या वह वाकई अपराधी है या कोठारी परिवार का शिकार? पराग और वसुंधरा का डर दिखाता है कि छिपे हुए राज कितने खतरनाक हो सकते हैं। यह एपिसोड दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है कि सच्चाई का सामना करना कितना मुश्किल होता है, खासकर जब वह परिवार से जुड़ी हो।

समीक्षा

एपिसोड की कहानी बेहद प्रभावशाली और भावनात्मक है। अनुपमा और राही के बीच का टकराव दिल को छू जाता है, क्योंकि यह एक मां और बेटी के बीच की गलतफहमी को दर्शाता है। राघव का किरदार इस बार गहराई लिए हुए है—वह न तो पूरी तरह विलेन है, न ही पूरी तरह निर्दोष। उसकी कहानी में रहस्य और दर्द का मिश्रण दर्शकों को बांधे रखता है। पराग और वसुंधरा की चिंता और गौतम का चालाकी भरा रवैया कहानी में नया ट्विस्ट लाने का वादा करता है। डायलॉग्स में भावनाओं की गहराई और पारिवारिक मूल्यों का समावेश इसे एक परफेक्ट हिंदी टीवी सीरियल एपिसोड बनाता है। हालांकि, कुछ सीन, जैसे लीला और परी की बातचीत, थोड़े घिसे-पिटे लगे। कुल मिलाकर, यह एपिसोड ड्रामा, इमोशन और सस्पेंस का शानदार मिश्रण है।

सबसे अच्छा सीन

सबसे यादगार सीन वह है, जब राघव अनुपमा से अपने दिल की बात कहता है। वह बताता है कि कैसे अनुपमा की इंसानियत ने उसे नई जिंदगी दी, और कैसे वह राही पर हमले के लिए पछताता है। अनुपमा का चुप रहना और राघव का बार-बार माफी मांगना इस सीन को बेहद मार्मिक बनाता है। राघव का यह कहना कि “आपने मेरे जख्मी हाथ पर मलहम लगाया, जिसने आपकी बेटी को चोट दी थी,” दर्शकों के दिल को छू जाता है। यह सीन अनुपमा की ममता और राघव के पछतावे को खूबसूरती से दर्शाता है।

अगले एपिसोड का अनुमान

अगले एपिसोड में अनुपमा को एक बड़ा फैसला लेना होगा—क्या वह राघव की बातों पर भरोसा करेगी और कोठारी परिवार की सच्चाई को उजागर करने की कोशिश करेगी, या अपनी बेटी राही की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी? राही और परीतोष का गुस्सा क्या अनुपमा के साथ उनके रिश्ते को और कमजोर करेगा? पराग और वसुंधरा का राज क्या और गहरा होगा, या गौतम की चालबाजी इसे उजागर कर देगी? राघव की जिंदगी का अगला कदम क्या होगा—क्या वह पुलिस के हत्थे चढ़ेगा, या अपनी बेगुनाही साबित करने की जंग शुरू करेगा? अगला एपिसोड और भी रहस्य और ड्रामे से भरा होने का वादा करता है।


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