Anupama 5 April 2025 Written Update – Did Mohit Trap Prem?

Ritika Pandey
9 Min Read
Anupama Star Plus TV show Written Episode Update Hindi

प्रेम की बेगुनाही की जंग: क्या सच आएगा सामने?-

कहानी Anupama 5 April 2025 Written Update शुरू होती है एक साधारण भारतीय परिवार के घर से, जहाँ माहौल तनाव और डर से भरा हुआ है। दादी अपने हाथों में एक शर्ट थामे खड़ी हैं, जिस पर खून के धब्बे हैं। उनकी आँखों में डर साफ झलक रहा है, और वह बार-बार कहती हैं कि उन्हें डर लग रहा है। यह शर्ट उनके बेटे प्रेम से जुड़ी है, जिस पर हत्या का इल्ज़ाम लगा है। परिवार का हर सदस्य – मोहित, राही, और अनुपमा – दादी को समझाने की कोशिश करते हैं कि यह शर्ट पुलिस को दे देनी चाहिए, क्योंकि यह सबूत है जो प्रेम को बचा सकता है। लेकिन दादी का दिल नहीं मानता। वह कहती हैं, “मुझे खून से सनी शर्ट घर में रखना अच्छा नहीं लगता,” और फिर एक चौंकाने वाला खुलासा होता है – उन्होंने उस शर्ट को धो दिया।

यह सुनते ही घर में हड़कंप मच जाता है। इंस्पेक्टर गुस्से में आग बबूला हो जाता है और कहता है, “यह हत्या का मामला है, आपने सबूत मिटाने की कोशिश की है।” प्रेम की माँ अनुपमा अपने बेटे को बचाने के लिए इंस्पेक्टर के सामने गिड़गिड़ाती हैं, “मेरे टिंकू को सजा मत दीजिए, सारी गलती मेरी है।” लेकिन इंस्पेक्टर सख्ती से कहता है कि अब कानून अपना काम करेगा। परिवार में आपसी तनाव बढ़ जाता है। मोहित पर इल्ज़ाम लगता है कि उसने इंस्पेक्टर के सामने शर्ट का ज़िक्र क्यों किया, जिससे प्रेम का केस और कमज़ोर हो गया। अनुपमा गुस्से में कहती हैं, “तूने मेरे बेटे को फंसाने की साज़िश की है क्या?” लेकिन मोहित सफाई देता है कि वह सच बोल रहा था, क्योंकि झूठ बोलने से हालात और बिगड़ सकते थे।

दूसरी तरफ, जेल में बंद प्रेम अपनी पत्नी राही से मिलता है। वह टूटा हुआ है, उसकी याददाश्त धोखा दे रही है। वह कहता है, “मुझे कुछ याद नहीं, क्या मैंने सच में किसी को मार डाला?” राही उसे हिम्मत देती है, “तूने कुछ नहीं किया, कल कोर्ट में सब ठीक हो जाएगा।” लेकिन प्रेम का डर बढ़ता जाता है। उधर, अनुपमा और राघव, जो एक पुराना दोस्त है, सच का पता लगाने के लिए त्रिपाठी के घर पहुँचते हैं – वह शख्स जिसका बेटा आशीष लापता है और जिसकी हत्या का इल्ज़ाम प्रेम पर है। त्रिपाठी गुस्से में कहता है, “प्रेम ने मेरे बेटे को मार डाला,” लेकिन अनुपमा को उसकी बातों में झूठ की बू आती है। वह देखती है कि त्रिपाठी के चेहरे पर अपने बेटे के गम का कोई निशान नहीं। तभी खिड़की से एक लड़के की झलक दिखती है, और अनुपमा को शक होता है कि आशीष ज़िंदा है और यह सब एक साज़िश है।

कहानी में नया मोड़ आता है जब प्रेम के पिता पराग फैसला करते हैं कि त्रिपाठी को पैसे देकर केस वापस लेने के लिए कहा जाए। राही इसका विरोध करती है, “अगर उसने मीडिया को बता दिया कि हमने उसे खरीदने की कोशिश की, तो प्रेम की सजा पक्की हो जाएगी।” लेकिन पराग अपने बेटे को जेल में नहीं देख सकते। उधर, त्रिपाठी के पास एक रहस्यमयी शख्स आता है, जो कहता है, “पैसे रखो, लेकिन केस मत हटाओ। प्रेम को जेल में सड़ने दो।” यह खुलासा होता है कि यह सब एक बड़ी साज़िश का हिस्सा है, जिसमें मोहित भी शामिल हो सकता है।

एपिसोड का अंत होता है अनुपमा की प्रार्थना के साथ, जो नवरात्रि के आखिरी दिन भगवान से अपने बेटे की रिहाई माँगती हैं। वह पक्षियों को दाना डालते हुए कहती हैं, “मेरे प्रेम को बचा लो।” लेकिन तभी राघव और अनुपमा को एक काले हेलमेट वाला शख्स दिखता है, जो बाइक से भाग रहा है। बाइक गिर जाती है, और वह पैदल गायब हो जाता है। अनुपमा कहती हैं, “कल कोर्ट की सुनवाई है, आज सच सामने आना ही चाहिए।” कहानी अधूरी रह जाती है, यह सवाल छोड़ते हुए कि क्या प्रेम को इंसाफ मिलेगा या वह साज़िश का शिकार बन जाएगा?


अंतर्दृष्टि (Insights)

इस एपिसोड में भारतीय परिवार की भावनात्मक गहराई और सामाजिक दबाव को बखूबी दिखाया गया है। दादी का शर्ट धो देना एक माँ के डर और ममता का प्रतीक है, जो अपने बेटे को बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है, भले ही वह गलत हो। अनुपमा की जिद और हिम्मत एक ऐसी माँ की तस्वीर पेश करती है, जो अपने बच्चों के लिए दुनिया से लड़ सकती है। वहीं, प्रेम का टूटना और उसकी याददाश्त का धोखा देना यह सवाल उठाता है कि क्या सच वाकई में वही है जो दिख रहा है। त्रिपाठी का किरदार समाज में पैसे और बदले की भावना को उजागर करता है, जहाँ गरीब और अमीर के बीच की खाई साफ दिखती है। मोहित की भूमिका अभी रहस्यमयी है, और यह शक पैदा करता है कि क्या वह दोस्त है या दुश्मन। यह एपिसोड परिवार, विश्वास, और सच्चाई की खोज की एक भावुक यात्रा है।

समीक्षा (Review)

यह एपिसोड अपनी रफ्तार और भावनात्मक उतार-चढ़ाव के लिए तारीफ का हकदार है। हर किरदार की अपनी मजबूरी और उम्मीद कहानी को गहराई देती है। अनुपमा और राही की जोड़ी माँ और बहू के रिश्ते को खूबसूरती से दर्शाती है, जहाँ दोनों अपने तरीके से प्रेम को बचाने की जद्दोजहद में हैं। इंस्पेक्टर का सख्त रवैया और त्रिपाठी का गुस्सा कहानी में तनाव पैदा करता है, जो दर्शकों को बांधे रखता है। हालांकि, कुछ जगहों पर डायलॉग थोड़े दोहराव वाले लगते हैं, जैसे प्रेम का बार-बार “मुझे कुछ याद नहीं” कहना। फिर भी, अंत में सस्पेंस और अनुपमा की प्रार्थना का दृश्य दिल को छू जाता है। यह एपिसोड उम्मीद और डर के बीच संतुलन बनाए रखता है, जो इसे एक परफेक्ट ड्रामा बनाता है।

सबसे अच्छा सीन (Best Scene)

सबसे अच्छा सीन वह है जब अनुपमा नवरात्रि के दिन पक्षियों को दाना डालते हुए अपने बेटे प्रेम के लिए प्रार्थना करती हैं। यह दृश्य भारतीय संस्कृति और माँ की ममता को खूबसूरती से दर्शाता है। उनकी आँखों में आँसू, हाथों में दाना, और होंठों पर दुआ – यह पल भावनाओं का संगम है। जब वह कहती हैं, “मेरे प्रेम को बचा लो,” तो दर्शकों का दिल भी उनके साथ दुआ माँगने लगता है। यह सीन सादगी और गहराई का मिश्रण है, जो कहानी की आत्मा को छूता है।

अगले एपिसोड का अनुमान

अगले एपिसोड में कोर्ट की सुनवाई होगी, जहाँ प्रेम की किस्मत का फैसला होगा। शायद अनुपमा और राघव उस काले हेलमेट वाले शख्स को पकड़ लें, जो आशीष हो सकता है। मोहित की सच्चाई भी सामने आ सकती है – क्या वह साज़िश का हिस्सा है या वाकई प्रेम का दोस्त? त्रिपाठी और उस रहस्यमयी शख्स की योजना का पर्दाफाश हो सकता है, लेकिन क्या प्रेम को बेल मिलेगी या सजा? यह एपिसोड सस्पेंस और इमोशन से भरा होगा।

Share This Article
Leave a Comment