Yeh Rishta Kya Kehlata Hai 10 April 2025 Written Update

Ritika Pandey
9 Min Read

The Firm Needs Armaan – पोद्दार परिवार का टूटता सपना: क्या अरमान लौटेगा?

आज का एपिसोड Yeh Rishta Kya Kehlata Hai 10 April 2025 Written Update शुरू होता है एक ऐसी सुबह से, जहां घर में सन्नाटा और उदासी छाई हुई है। अभिरा अपने कमरे में खड़ी है, पानी भरते हुए और रूही के साथ अपने कमरे की धूल झाड़ते हुए। लेकिन उसकी आवाज़ में एक खालीपन है, जैसे वो इन छोटे-मोटे कामों में खुद को व्यस्त रखकर अपने दर्द को भूलना चाहती हो। वो अपनी माँ से कहती है, “माँ, क्या आप सुन रही हैं? अब कोई काम बाकी नहीं जो मुझे भटका सके।” उसकी बातों में छिपा गुस्सा और लाचारी साफ़ झलकती है। वो भगवान से सवाल करती है, “पहले आपने मेरी माँ को मुझसे छीना, फिर मेरी शिवानी को। आखिर मेरे साथ आपकी क्या दुश्मनी है?” अभिरा का ये दर्द हर उस भारतीय बेटी का दर्द है, जो अपने परिवार को जोड़े रखने की कोशिश में खुद को खो देती है।

दूसरी तरफ, माँ अपने बेटे अरमान के लिए परेशान है। वो अभिरा से अपने दिल की बात खोलती है, “मुझे बहुत पछतावा है कि मैंने अरमान को उसकी माँ से दूर रखा। मैंने शिवानी और अरमान से झूठ बोला।” उसकी आवाज़ में ममता के साथ-साथ अपराधबोध भी है। वो बताती है कि कैसे अरमान, जो इस शहर का सबसे काबिल वकील था, अपने सपनों को छोड़कर घर से चला गया। वो कहती है, “पोद्दार फर्म हमारी दो पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है। अरमान और रोहित से सबको उम्मीद थी कि वो इसे संभालेंगे। लेकिन रोहित चला गया, और अरमान मेरी और दादी की गलतियों की वजह से इस विरासत से मुंह मोड़ गया।” माँ की आँखों में आंसुओं के साथ एक उम्मीद है कि अभिरा अपने पति को वापस फर्म में लाने के लिए मना लेगी। लेकिन अभिरा साफ़ मना कर देती है, “मैं रोहित के नाम पर अरमान पर दबाव नहीं डाल सकती। वो अपनी नई पहचान बना रहा है।” ये जवाब सुनकर माँ टूट जाती है, लेकिन वो हार नहीं मानती। वो कहती है, “कानून उसके खून में है, वो एक दिन ज़रूर लौटेगा।”

इधर, घर में एक और तनाव बढ़ता है। संजय, जो माँ का दामाद है, फर्म को लेकर चिंतित है। वो माँ से कहता है, “सारे कर्मचारी इस्तीफा दे चुके हैं। अब सिर्फ मैं, मनोज और आप बचे हैं। अरमान को वापस लाना होगा।” लेकिन माँ जवाब देती है, “वो सिर्फ अपने बच्चे के लिए लौटे हैं। बच्चा होने के बाद वो फिर चले जाएंगे।” संजय और माँ के बीच ये बहस दिखाती है कि कैसे परिवार और कारोबार के बीच रिश्तों की डोर कमज़ोर पड़ रही है।

एपिसोड का सबसे भावुक मोड़ तब आता है जब रूही, जो अरमान और अभिरा के बच्चे की सरोगेट माँ है, अपने दर्द को बयाँ करती है। अभिरा उससे चिंता में पूछती है, “क्या हमने तुम्हें ये ज़िम्मेदारी देकर गलती की? तुम पहले से रोहित को खोने का दुख झेल रही हो।” रूही जवाब देती है, “मैं ये सब रोहित के लिए कर रही हूँ। वो चाहता था कि उसका भाई अपने बच्चे को गोद में ले।” उसकी बातों में दुख के साथ एक मज़बूत इरादा है। वो कहती है, “शायद इन बच्चों की मुस्कान देखकर मैं भी मुस्कुरा सकूं।” ये सीन दिल को छू जाता है, क्योंकि रूही अपने टूटे दिल को जोड़ने की कोशिश में दूसरों की खुशी को अपनी ताकत बना रही है।

अंत में, अरमान पर दबाव बढ़ता है। माँ उसे रोहित की वकील की कोट पहनाकर फर्म में उसकी जगह लेने को कहती है। लेकिन अरमान गुस्से में फट पड़ता है, “ये उस स्वार्थी इंसान की फर्म है जिसने मेरी माँ का सम्मान नहीं किया। मैं वापस नहीं आऊंगा।” उसका गुस्सा और उसकी माँ के प्रति प्यार दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या वो सच में अपने परिवार की विरासत को ठुकरा देगा, या फिर रोहित की आखिरी ख्वाहिश उसे वापस लाएगी। एपिसोड एक सवाल के साथ खत्म होता है – क्या अरमान अपने अतीत को पीछे छोड़ पाएगा?


अंतर्दृष्टि

इस एपिसोड में परिवार के रिश्तों की गहराई और उनकी जटिलताएँ खूबसूरती से उभरकर सामने आई हैं। अभिरा का अपने पति अरमान के फैसले का सम्मान करना दिखाता है कि प्यार में विश्वास कितना ज़रूरी है। वो जानती है कि अरमान ने हाल ही में अपनी माँ शिवानी और भाई रोहित को खोया है, और वो उसे और दबाव में नहीं डालना चाहती। दूसरी तरफ, माँ का अपने बेटे को वापस फर्म में लाने का जुनून एक माँ की उम्मीदों को दर्शाता है, जो अपने बच्चों के ज़रिए अपनी गलतियों को सुधारना चाहती है। रूही की मज़बूती और उसका अपने दुख को छिपाकर दूसरों के लिए जीना, भारतीय नारी की उस भावना को दिखाता है जो अपने परिवार के लिए कुछ भी कर गुज़रती है। अरमान का गुस्सा और उसका फर्म से दूरी बनाना उसके अंदर चल रही उथल-पुथल को बयाँ करता है – वो अपने सपनों और परिवार की ज़िम्मेदारियों के बीच फंसा हुआ है। ये एपिसोड हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या सही है – अपनी खुशी या परिवार की उम्मीदें।

समीक्षा

एपिसोड की कहानी बेहद संवेदनशील और भावनात्मक है। हर किरदार की अपनी लड़ाई है, जो दर्शकों को उनके साथ जोड़ती है। अभिरा और रूही के बीच का संवाद इस एपिसोड का दिल है, जो नारी शक्ति और बलिदान को उजागर करता है। अरमान का गुस्सा और उसकी माँ के प्रति उसकी नाराज़गी कहानी में एक नया मोड़ लाती है, जो इसे और रोचक बनाती है। हालांकि, कुछ जगहों पर संवाद थोड़े लंबे लगते हैं, जो कहानी को धीमा कर देते हैं। फिर भी, किरदारों की गहराई और उनके बीच की केमिस्ट्री इसे देखने लायक बनाती है। अंत में अरमान का फैसला अधूरा छोड़ना एक चतुर चाल है, जो अगले एपिसोड के लिए उत्सुकता बढ़ाता है।

सबसे अच्छा सीन

सबसे अच्छा सीन वो है जब रूही और अभिरा अपने दुख को साझा करती हैं। रूही जब कहती है, “मैं रोहित के लिए ये कर रही हूँ, शायद इन बच्चों की मुस्कान मुझे भी मुस्कुराने की वजह दे,” तो उसकी आँखों में आंसुओं के साथ एक उम्मीद झलकती है। अभिरा का उसे गले लगाना और दोनों का एक-दूसरे को संभालना इस सीन को बेहद खास बनाता है। ये सीन परिवार के टूटे हुए रिश्तों को जोड़ने की कोशिश का प्रतीक है।

अगले एपिसोड का अनुमान

अगले एपिसोड में अरमान पर दबाव और बढ़ेगा। शायद माँ और दादी मिलकर उसे रोहित की यादों से भावुक करने की कोशिश करेंगी। रूही की सेहत को लेकर कोई नया ड्रामा शुरू हो सकता है, जिससे अभिरा और अरमान के बीच तनाव बढ़े। संजय फर्म को बचाने के लिए कोई चाल चल सकता है। कहानी में एक बड़ा खुलासा होने की संभावना है, जो अरमान को फर्म की ओर वापस मोड़ेगा या उसे और दूर ले जाएगा।

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