Doree 10 April 2025 Written Update

Ritika Pandey
9 Min Read
Doree Colors TV Show Written Episode Updates in Hindi

Maan’s Breakdown – डोरी का घर छोड़ना: क्या टूट जाएगा मान का परिवार? –

कहानी Doree 10 April 2025 Written Update की शुरुआत होती है एक हल्के-फुल्के माहौल से, जहां मान और राधिका के बीच हंसी-मजाक चल रहा है। मान बार-बार डोरी का नाम लेता है, उसकी तलाश में व्याकुल है। राधिका उससे छेड़छाड़ करती है, कहती है, “अरे, ये डोरी कहां चली गई, और तुम मुझे देखते हुए भी उसका नाम क्यों ले रहे हो?” उसकी बातों में हल्की जलन है, लेकिन प्यार भी झलकता है। मान जवाब देता है, “डोरी में शर्म, लाज, संस्कार, सूरत और सीरत—सब कुछ है, जो तुममें नहीं दिखता।” ये सुनकर राधिका का चेहरा लाल हो जाता है, और वह भावुक होकर कहती है, “मैं तुम्हारे सामने खड़ी हूं, फिर भी तुम्हें दिखाई नहीं देती। ये डोरी आखिर है कौन, जो तुम्हारे दिलो-दिमाग पर राज कर रही है?” माहौल में हल्की तनातनी आ जाती है, लेकिन बात आगे बढ़ती है।

फिर सीन बदलता है, और कहानी एक गहरे भावनात्मक मोड़ पर पहुंचती है। दादी और राधिका के बीच एक दिल को छू लेने वाला संवाद होता है। राधिका बताती है कि डोरी ने घर छोड़ दिया है और यूवी को भी साथ ले गई है। दादी सदमे में हैं। वह कहती हैं, “मैंने उसे कितना समझाया, प्यार का वास्ता दिया, कहा कि मैं उसे माफ कर दूंगी, पर उसने कुछ नहीं सुना।” राधिका आंसुओं के साथ दादी को सांत्वना देती है और कहती है, “उसने कहा कि आप मर जाएं तो उसे परवाह नहीं। वो इस घर की बहू बनने लायक कभी थी ही नहीं।” ये सुनकर दादी का दिल टूट जाता है, और वह चुपचाप अपने दुख को सहने की कोशिश करती हैं। भारतीय परिवारों की वो भावनाएं साफ दिखती हैं, जहां रिश्तों का सम्मान और विश्वास सबसे ऊपर होता है।

इधर, दूसरी तरफ डोरी अपने मायके में है। मान उसे ढूंढते हुए वहां पहुंचता है। दोनों के बीच तीखी बहस होती है। मान गुस्से में कहता है, “तुम ऐसे कैसे घर छोड़कर चली आ सकती हो? कॉन्ट्रैक्ट अभी पूरा नहीं हुआ है। मेरे साथ वापस चलो।” डोरी जवाब देती है, “मेरा दम घुट रहा था, मैं ताजी हवा लेने आई हूं।” लेकिन मान उसकी बातों को गंभीरता से लेता है और कहता है, “तुम छुट्टियां मनाने आई हो, या दादी को हमारे सच का पता चलने से भाग रही हो? कि शुभी हमारी बेटी नहीं है?” डोरी के चेहरे पर उदासी छा जाती है। वह कहती है, “मैं और झूठ नहीं बोल सकती। दादी का दिल टूटा है, मैं उनके सामने ये झूठा चेहरा लेकर नहीं जा सकती।” मान उसे समझाने की कोशिश करता है, कहता है, “ये हमारा घर है, हमारा परिवार है। मैं दादी को मना लूंगा।” लेकिन डोरी टूट चुकी है। वह कहती है, “मुझे इस कॉन्ट्रैक्ट और तुम्हारी उम्मीदों का बोझ नहीं चाहिए। मैंने ये सब अपने बाबा को बचाने के लिए किया था, पर अब मैं और नहीं झेल सकती। मेरे लिए ये कॉन्ट्रैक्ट खत्म।” यह कहकर वह मान को अकेला छोड़ देती है।

घर पर माहौल और तनावपूर्ण हो जाता है। ताई जी और भाभी मान को ताने मारती हैं। ताई जी कहती हैं, “तेरी किस्मत में सच्चे रिश्तों का सुख लिखा ही नहीं। डोरी चली गई, और तू रिश्तों को संभाल भी नहीं सका।” भाभी और कुरेदती हैं, “तेरी मां तुझे 10 साल की उम्र में छोड़ गई, अब डोरी भी चली गई। शायद तेरी कुंडली में ही दोष है। तू अकेले जिएगा और अकेले मरेगा।” ये सुनकर मान का दिल टूट जाता है। वह अपने कमरे में जाकर शराब की बोतल उठाता है। तभी उसका दोस्त सत्तू उसे देख लेता है और कहता है, “जो हाथ मुझसे शराब छुड़ाते थे, आज वही शराब पकड़े हैं? ये बर्बादी की राह है, इसे छोड़ दे।” लेकिन मान टूट चुका है। वह कहता है, “इससे उम्मीदें खत्म होती हैं, शिकायतें खत्म होती हैं, और फिर सब खत्म हो जाता है।”

दूसरी ओर, डोरी मायके में सत्तू से बात कर रही है। सत्तू कहता है, “रिश्तों में ऊंच-नीच होती है, पर तू सब छोड़कर क्यों चली आई?” डोरी जवाब देती है, “मेरे आंसू सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि मान और दादी के लिए भी हैं।” कहानी यहीं खत्म होती है, जहां मान और डोरी दोनों अपने-अपने दुख में डूबे हैं, और परिवार टूटने की कगार पर है। क्या ये रिश्ते फिर से जुड़ पाएंगे, या ये बिखराव हमेशा के लिए हो जाएगा?


अंतर्दृष्टि

इस एपिसोड में भारतीय परिवारों की गहरी भावनाएं और रिश्तों की जटिलता साफ दिखती है। मान का किरदार एक ऐसे इंसान का है, जो अपने परिवार को बचाने की कोशिश में खुद को खो रहा है। उसकी कमजोरी और गुस्सा दोनों इस बात का सबूत हैं कि वह रिश्तों को कितना अहमियत देता है, पर उन्हें संभाल नहीं पा रहा। डोरी का फैसला घर छोड़ने का उसके अंदर की नैतिकता और आत्मसम्मान को दर्शाता है। वह झूठ के बोझ से आजाद होना चाहती है, भले ही इसके लिए उसे अपने प्यार और परिवार से दूर जाना पड़े। दादी का किरदार इस कहानी का भावनात्मक केंद्र है, जो हर भारतीय परिवार की उस बुजुर्ग की याद दिलाता है, जो अपने बच्चों की खुशी के लिए सब कुछ सह लेते हैं। यह एपिसोड बताता है कि रिश्ते कितने नाजुक होते हैं और एक गलत कदम उन्हें हमेशा के लिए तोड़ सकता है।

समीक्षा

यह एपिसोड भावनाओं का एक रोलरकोस्टर है। शुरुआत में हल्का-फुल्का माहौल जल्दी ही गहरे दुख और तनाव में बदल जाता है। मान और डोरी के बीच का तनाव इस कहानी को आगे बढ़ाता है, और उनके संवाद दिल को छू लेते हैं। राधिका का किरदार थोड़ा हल्का जरूर है, पर उसकी मौजूदगी कहानी में एक अलग रंग भरती है। ताई जी और भाभी की कड़वी बातें थोड़ी कठोर लगती हैं, पर ये भारतीय परिवारों में होने वाली नोंकझोंक को सही तरीके से दिखाती हैं। संगीत का इस्तेमाल हर सीन को और गहरा बनाता है, खासकर जब डोरी और मान अपने दुख को बयां करते हैं। कहानी का अंत थोड़ा अधूरा सा लगता है, जो दर्शकों को अगले एपिसोड का इंतजार करने पर मजबूर करता है।

सबसे अच्छा सीन

सबसे अच्छा सीन वह है जब मान और डोरी मायके में आमने-सामने होते हैं। मान का गुस्सा और डोरी की उदासी एक साथ स्क्रीन पर आती है। जब डोरी कहती है, “मुझे इस कॉन्ट्रैक्ट का बोझ नहीं चाहिए, मैं और झूठ नहीं बोल सकती,” और मान जवाब देता है, “ये हमारा घर है, हमारा परिवार है,” तो दोनों के बीच का भावनात्मक टकराव दिल को छू जाता है। यह सीन रिश्तों की मजबूरी और प्यार की गहराई को खूबसूरती से दिखाता है।

अगले एपिसोड का अनुमान

अगले एपिसोड में शायद मान दादी को मनाने की कोशिश करेगा और डोरी को वापस लाने की जद्दोजहद में जुट जाएगा। डोरी अपने बाबा को बचाने के लिए कोई नया रास्ता ढूंढ सकती है, लेकिन उसका मन अभी भी मान और परिवार के लिए तड़पेगा। ताई जी और भाभी का तंज और बढ़ सकता है, जिससे मान पर दबाव बनेगा। क्या डोरी वापस आएगी, या मान अकेलेपन की राह पर और आगे बढ़ जाएगा? ये देखना दिलचस्प होगा।

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