Doree 15 April 2025 Written Update

Shubhi Gets Kidnapped पुष्पा और डोरी की शुभी को बचाने की जंग, क्या खुलेगा राजनंदिनी का सच? –

Doree 15 April 2025 Written Update में कहानी एक माँ के अपनी बेटी को खोजने की बेचैनी और परिवार की साजिशों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो बनारस की हवेली में भावनाओं और रहस्यों से भरी है। यह एपिसोड पुष्पा के उस दर्द को सामने लाता है, जब उसे पता चलता है कि शुभी उसकी बेटी है, लेकिन वह उसे पहले नहीं पहचान पाई। दूसरी ओर, राजनंदिनी और आनंद की साजिश शुभी को हमेशा के लिए हवेली से गायब करने की है, ताकि प्रथम परिवार का इकलौता वारिस बने। कंजक पूजन के पवित्र मौके पर शुभी के अचानक गायब होने से हवेली में हाहाकार मच जाता है। डोरी और पुष्पा अपनी बेटी को ढूंढने के लिए हर कोशिश करती हैं, जबकि परिवार के बाकी लोग भी इस त्रासदी में साथ देते हैं। लेकिन क्या डोरी और पुष्पा अपनी शुभी को बचा पाएंगी, या राजनंदिनी की साजिश रंग लाएगी? यह सवाल कहानी को एक रोमांचक मोड़ देता है।

एपिसोड की शुरुआत में मान और डोरी के बीच बातचीत होती है, जहां मान मजाक में पूछता है कि क्या डोरी पुष्पा के बच्चे के बारे में जानकर परिवार का हिस्सा बनना चाहती है। डोरी इसका खंडन करती है, लेकिन उसकी उत्सुकता परिवार के राजों की ओर इशारा करती है। दूसरी ओर, पुष्पा मान के कमरे में कुछ सुराग ढूंढने जाती है, ताकि यह पक्का कर सके कि शुभी उसकी बेटी है। उसे शुभी का लॉकेट मिलता है, जो उसने अपनी बेटी को दिया था। यह लॉकेट पुष्पा को यकीन दिलाता है कि शुभी उसकी खोई हुई बेटी है। वह खुद को कोसती है, “मेरी बेटी मेरी आंखों के सामने थी, और मैं उसे पहचान नहीं पाई। कैसी माँ हूँ मैं?” वह माता रानी से प्रार्थना करती है कि शुभी को हमेशा उसके पास रखें।

कंजक पूजन की तैयारियों के बीच माहौल खुशनुमा है। डोरीमान, और शुभी माता रानी की पूजा करते हैं। पूजा के बाद मान वहां से चला जाता है। तभी सुगुना डोरी को किचन में बुलाती है, कहती है कि उसे खाने में नमक की मात्रा समझ नहीं आ रही। डोरी शुभी को पालने में छोड़कर सुगुना के साथ चली जाती है। इसी बीच, आनंद, जो ठाकुर हवेली में छिपकर आया है, मौका पाकर शुभी को पालने से उठा लेता है और वहां से निकल जाता है। कुछ देर बाद डोरी और पुष्पा को शुभी के रोने की आवाज सुनाई देती है। वे पालने के पास पहुंचती हैं, लेकिन शुभी वहां नहीं होती। डोरी घबरा जाती है और पूरे परिवार को बुलाती है। मान तुरंत सिक्योरिटी को मेन गेट बंद करने का आदेश देता है, और सभी शुभी को ढूंढने में जुट जाते हैं।

आनंद को हवेली से भागने की चिंता सताती है। राजनंदिनी, जो इस साजिश की सूत्रधार है, मान और डोरी को बगीचे से दूर भेजती है, कहती है कि उसने वहां पहले ही देख लिया है। जैसे ही वे जाते हैं, राजनंदिनी आनंद को इशारा करती है कि वह निकल सकता है। बाद में पता चलता है कि राजनंदिनी ने आनंद को शुभी को अपहरण करने और हवेली से बाहर ले जाने के लिए कहा था। आनंद शुभी को बच्चा तस्करों के पास ले जाता है और उसे बेच देता है। तस्कर शुभी को विदेशी खरीदारों को सौंपने की तैयारी करते हैं, और आनंद सोचता है कि राजनंदिनी जल्द ही उसके पैसे लेकर आएगी।

हवेली में डोरी और पुष्पा शुभी के गायब होने से टूट चुकी हैं। पुलिस हवेली पहुंचती है, और इंस्पेक्टर डोरी से पूछता है कि क्या पालना शुभी का है। डोरी हां कहती है। इंस्पेक्टर वहां लगे सीसीटीवी कैमरे को देखता है। मान लैपटॉप लाकर फुटेज चेक करता है, लेकिन अपहरण के समय की कोई रिकॉर्डिंग नहीं मिलती। इंस्पेक्टर कहता है कि अगर कोई फिरौती का कॉल आए या कोई सुराग मिले, तो तुरंत बताएं। वह पुलिस के साथ चला जाता है। डोरी कहती है कि वह बनारस की हर गली-नुक्कड़ में अपनी बेटी को ढूंढ लेगी। मान उसे भरोसा दिलाता है कि वह शुभी को ढूंढ निकालेगा।

इसी बीच, राजनंदिनी और काव्या के बीच तीखी बहस होती है। काव्या कहती है कि उसे कुछ समझ नहीं आ रहा—राजनंदिनी बिना शादी के माँ बनी, और डोरी का भी बच्चा है। वह इन रहस्यों से तंग आ चुकी है। राजनंदिनी उसे चुप रहने को कहती है। पुष्पा उनकी बात सुन लेती है और समझ जाती है कि प्रथम राजनंदिनी का बेटा है, और उसने उसकी बेटी शुभी को छीना है। पुष्पा ठान लेती है कि जैसे ही शुभी मिलेगी, वह राजनंदिनी का पर्दाफाश कर देगी। वह माता रानी से अपनी बेटी को वापस लाने की प्रार्थना करती है।

अचानक मौसम बदलने से बेबी कैम की फुटेज फिर से चलने लगती है। डोरी और मान फुटेज में एक हाथ देखते हैं, जो शुभी को उठा रहा है। डोरी को वह हाथ जाना-पहचाना लगता है, लेकिन वह समझ नहीं पाती कि यह किसका है। दूसरी ओर, आनंद और उसका गैंग बच्चों को विदेशी खरीदारों के सामने पेश करने की तैयारी करता है। खरीदार वहां पहुंचने लगते हैं। तभी डोरी और मान चीनी जोड़े के भेष में वहां पहुंचते हैं। क्या वे शुभी को बचा पाएंगे, या राजनंदिनी और आनंद की साजिश कामयाब होगी? यह सवाल कहानी को एक रोमांचक क्लिफहैंगर पर छोड़ता है।


अंतर्दृष्टि

इस एपिसोड में भारतीय परिवारों की भावनात्मक गहराई और साजिशों को बखूबी दिखाया गया है। पुष्पा का अपनी बेटी शुभी के लिए दर्द और उसका दृढ़ निश्चय एक माँ के बलिदान को दर्शाता है, जो हर भारतीय दर्शक के दिल को छूता है। राजनंदिनी का स्वार्थ और प्रथम को वारिस बनाने की साजिश परिवार में संपत्ति और रिश्तों की जटिलता को उजागर करती है। डोरी का किरदार सहानुभूति और ताकत का प्रतीक है, जो शुभी को बचाने के लिए हर हद पार करने को तैयार है। काव्या की उलझन परिवार के राजों को और गहरा करती है। यह एपिसोड बच्चा तस्करी जैसे गंभीर मुद्दे को भी संवेदनशीलता से उठाता है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है।

समीक्षा

यह एपिसोड भावनाओं, ड्रामे, और सस्पेंस का शानदार मिश्रण है। पुष्पा और डोरी के किरदार कहानी की रीढ़ हैं, जिनका दर्द और हिम्मत दर्शकों को बांधे रखता है। राजनंदिनी और आनंद की साजिश कहानी को रोमांचक बनाती है, जबकि मान और सुगुना जैसे किरदार परिवार की एकता को दिखाते हैं। कंजक पूजन का माहौल और शुभी का गायब होना एक भावनात्मक विडंबना पैदा करता है। कुछ दृश्य, जैसे काव्या और राजनंदिनी की बहस, थोड़े लंबे लग सकते हैं, लेकिन वे कहानी के रहस्य को बढ़ाते हैं। अंत में डोरी और मान का भेष बदलकर पहुंचना सस्पेंस को चरम पर ले जाता है।

सबसे अच्छा सीन

सबसे अच्छा सीन वह है जब पुष्पा को शुभी का लॉकेट मिलता है, और उसे यकीन हो जाता है कि शुभी उसकी बेटी है। उसका खुद को कोसना, “कैसी माँ हूँ मैं?” और माता रानी से प्रार्थना करना दर्शकों के दिल को गहराई से छूता है। यह दृश्य मातृत्व के दर्द और प्यार को इतनी खूबसूरती से दिखाता है कि यह एपिसोड का सबसे यादगार पल बन जाता है।

अगले एपिसोड का अनुमान

अगले एपिसोड में डोरी और मान का चीनी जोड़े के भेष में शुभी को बचाने का प्रयास और रोमांचक होगा। संभव है कि डोरी उस हाथ की पहचान कर ले, जो उसने फुटेज में देखा। राजनंदिनी की साजिश का पर्दाफाश होने की संभावना है, खासकर अगर पुष्पा उसका सच सबके सामने लाए। प्रथम की असली पहचान को लेकर और राज खुल सकते हैं। क्या शुभी अपने परिवार के पास लौट पाएगी, या तस्कर उसे विदेश ले जाएंगे? अगला एपिसोड और भी ड्रामेटिक होने की उम्मीद है।


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