Doree 9 April 2025 Written Update

Doree Gets Thrown Out of the House – डोरी का सच: क्या टूटेगा परिवार का भरोसा? –

सुबह Doree 9 April 2025 Written Update की प्रार्थना से शुरू हुआ यह दिन घर में खुशियों का माहौल लेकर आया था। पुष्पा ने अपनी पोती डोरी से कहा कि जब से वह इस घर में आई है, हर प्रार्थना में एक अलग सुख और शांति महसूस होती है। दादी माँ भी इस बात से सहमत थीं, और घर का हर कोना डोरी की मासूमियत और प्यार से गूंज रहा था। लेकिन यह खुशी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। सुबह का नाश्ता करते हुए डोरी को कुछ सेब खाने को दिए गए, जो उसके भाई मान ने प्यार से काटकर भेजे थे। मान, जो ऑफिस में था, ने मजाक में नौकर से कहा था कि अगर डोरी ने सेब नहीं खाए तो उसे जेल भेज देगा। यह छोटी-सी बात सबके चेहरे पर मुस्कान ले आई, लेकिन किसे पता था कि यह दिन एक भयानक मोड़ लेने वाला है।

अचानक डोरी की तबीयत बिगड़ने लगी। वह बेहोश हो गई, और घर में हड़कंप मच गया। पुष्पा ने पानी लाने की कोशिश की, तो सुरेंद्र और दादी माँ ने उसे तुरंत सिटी हॉस्पिटल ले जाने का फैसला किया। हर कोई घबराया हुआ था—मान को क्या जवाब देंगे? डॉक्टर ने बताया कि यह जहर का असर हो सकता है, जिसने सभी को हैरान कर दिया। डोरी उपवास पर थी, फिर यह कैसे हुआ? परिवार ने पूरी जाँच कराने की गुहार लगाई, और डॉक्टर ने उन्हें बाहर इंतज़ार करने को कहा। इस बीच, डोरी की हालत देखकर दादी माँ की आँखों में आँसू और दिल में डर था। वह अपनी बेटी को कुछ भी होने नहीं देना चाहती थीं।

जाँच के बाद डॉक्टर ने राहत की साँस दी कि यह जहर नहीं, बल्कि खाने से हुई एलर्जी थी। सबने चैन की साँस ली, लेकिन तभी एक ऐसा सच सामने आया जिसने पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया। डॉक्टर ने कहा कि डोरी कभी माँ नहीं बनी। उसके शरीर में कोई निशान नहीं था जो यह बताए कि उसने बच्चे को जन्म दिया हो। यह सुनकर सुरेंद्र और दादी माँ अवाक रह गए। डोरी की सात महीने की बेटी सुभी को लेकर अब तक जो सच सबके सामने था, वह झूठ निकला। रजनींदिनी ने डॉक्टर पर सवाल उठाए, लेकिन डॉक्टर ने दोबारा जाँच की बात को सिरे से खारिज कर दिया।

अस्पताल के उस कमरे में सन्नाटा छा गया जब दादी माँ ने डोरी से सच पूछा। वह चाहती थीं कि उनकी पोती उनके सामने सच बोले, क्योंकि वह उपवास पर थी और झूठ नहीं बोल सकती थी। डोरी की चुप्पी सबके दिल को चीर रही थी। आखिरकार, उसने काँपते होंठों से कहा, “सुभी मेरी बेटी है, लेकिन मैं उसकी जन्म देने वाली माँ नहीं हूँ।” यह सुनते ही दादी माँ का दिल टूट गया। वह पुष्पा और सुरेंद्र से घर ले जाने की बात कहकर वहाँ से चली गईं। लेकिन यहाँ कहानी खत्म नहीं हुई।

रजनींदिनी के दिमाग में एक शक पैदा हुआ। उसे याद आया कि उसने पुष्पा की बेटी को मारने की कोशिश की थी, और उसे लगा कि शायद सुभी वही बच्ची है। उसने सुभी के पैर पर जन्म का निशान ढूँढा, लेकिन वह निशान नहीं मिला। राहत की साँस लेते हुए उसने सोचा कि उसका सबसे बड़ा राज अभी भी सुरक्षित है। लेकिन उसे यह भी पता था कि डोरी इस घर में रहकर उसके अतीत को खोद सकती है, क्योंकि डोरी गंगा प्रसाद की बेटी थी—वही शख्स जिसने रजनींदिनी के गुनाहों को देखा था। उसने ठान लिया कि डोरी को हमेशा के लिए हटाना होगा।

घर लौटते ही दादी माँ ने डोरी को देखते ही दरवाजा बंद करने का हुक्म दिया। काव्या और रजनींदिनी ने उसे रोकते हुए कहा कि उसने परिवार का भरोसा तोड़ा है। डोरी ने गुहार लगाई कि वह इस घर की बेटी है, लेकिन काव्या ने उसे बेरहमी से झूठा करार दिया। दादी माँ की तबीयत बिगड़ गई थी, और डॉक्टर ने चेतावनी दी कि अब कोई तनाव उनकी जान ले सकता है। डोरी सिर्फ एक बार दादी माँ को देखना चाहती थी, लेकिन उसे दरवाजे से ही भगा दिया गया। उसकी आँखों में आँसू और दिल में पछतावा था, लेकिन परिवार ने उसे हमेशा के लिए बाहर कर दिया।

दूसरी ओर, मान अपनी जीत की खुशी में परिवार के लिए तोहफे खरीद रहा था। उसे नहीं पता था कि घर में क्या तूफान मच चुका है। उधर, दादी माँ अब भी डोरी पर भरोसा करना चाहती थीं, लेकिन रजनींदिनी ने उन्हें समझाया कि डोरी ने सबको धोखा दिया। एपिसोड का अंत डोरी के उस दर्दनाक दृश्य के साथ होता है, जहाँ वह सुभी को लेकर सड़क पर खड़ी है, और पीछे से रजनींदिनी की आँखों में एक खतरनाक चमक दिखती है। क्या यह सचमुच अंत है, या कोई नया राज सामने आएगा?


अंतर्दृष्टि (Insights)

इस एपिसोड में भारतीय परिवारों की गहरी भावनाएँ और रिश्तों की जटिलता साफ दिखती है। डोरी का सच सामने आने से यह सवाल उठता है कि क्या प्यार और भरोसा सिर्फ खून के रिश्तों पर टिका होता है? दादी माँ का टूटा हुआ दिल और डोरी की मजबूरी यह दिखाती है कि कई बार सच बोलना आसान नहीं होता, खासकर जब वह परिवार के सम्मान और विश्वास को ठेस पहुँचाए। रजनींदिनी का किरदार इस बात को उजागर करता है कि अपने गुनाहों को छुपाने के लिए लोग कितना नीचे गिर सकते हैं। यह एपिसोड हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या डोरी का जाना सही था, या परिवार ने उसे समझने की कोशिश ही नहीं की।

समीक्षा (Review)

यह एपिसोड भावनाओं का एक रोलरकोस्टर है। शुरूआत में घर की सादगी और प्यार भरा माहौल दर्शकों को बाँध लेता है, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, तनाव और रहस्य गहराते जाते हैं। डोरी की मासूमियत और उसकी चुप्पी को जिस तरह दिखाया गया, वह दिल को छू लेता है। रजनींदिनी का डबल गेम और उसकी साजिश इस ड्रामे को और रोमांचक बनाती है। दादी माँ का किरदार परिवार की नींव की तरह है, जो टूटते हुए भी उम्मीद की एक किरण छोड़ जाता है। कहानी का अंत थोड़ा जल्दबाजी में लगता है, लेकिन यह अगले एपिसोड के लिए उत्सुकता बढ़ाने में कामयाब रहा।

सबसे अच्छा सीन (Best Scene)

सबसे अच्छा सीन वह पल है जब अस्पताल के कमरे में दादी माँ डोरी के सामने खड़ी होकर उससे सच की भीख माँगती हैं। चारों तरफ सन्नाटा पसरा था, और दादी माँ की आँखों में विश्वास और दर्द का मिश्रण साफ झलक रहा था। उनकी काँपती आवाज में जब उन्होंने कहा, “तू आज उपवास पर है, मेरे सामने सच बोल, सुभी तेरी बेटी है न?”—यह सवाल हवा में तैरता रहा। डोरी की चुप्पी हर किसी के दिल को भारी कर रही थी, और फिर जब उसने धीरे से कहा, “सुभी मेरी बेटी है, पर मैं उसकी जन्म देने वाली माँ नहीं हूँ,” तो दादी माँ के चेहरे पर उदासी और हैरानी का भाव देखते ही बनता था। यह सीन भावनाओं का एक गहरा तूफान लेकर आया, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देता है कि सच कितना कड़वा हो सकता है।

अगले एपिसोड का अनुमान

अगले एपिसोड में शायद मान को घर का सच पता चलेगा, और वह डोरी को वापस लाने की कोशिश करेगा। रजनींदिनी अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए कोई खतरनाक कदम उठा सकती है, जिससे डोरी की जान पर बन आए। दादी माँ की तबीयत और परिवार का भविष्य अधर में लटका रहेगा। क्या डोरी अपने सच का पूरा राज खोलेगी, या कोई नया ट्विस्ट सामने आएगा?

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