क्या टूटेगा संध्या का रिश्ता? चुड़ैल के रहस्य ने बढ़ाई परिवार की मुश्किलें-
Jaadu Teri Nazar 3 April 2025 आज का दिन चारु के लिए बेहद भावनात्मक और उलझन भरा रहा। एपिसोड की शुरुआत होती है जब चारु अपनी माँ से पूछती है कि वो कहाँ हैं, और जवाब मिलता है कि माँ कुछ काम से बाहर गई हैं। लेकिन चारु का मन बेचैन है। उसका भाई विहान घर लौटता है, थका हुआ और भूखा। वो कहता है, “मुझे दो दिन से भूख लगी है, और 40 वड़ा पाव खाने का मन है।” चारु उसे चाय बनाने की बात कहती है और वड़ा पाव लाने भेजती है। यह छोटा-सा पल भाई-बहन के रिश्ते की गर्मजोशी को दिखाता है, जो भारतीय परिवारों में आम है—जहाँ छोटी-छोटी बातों में भी अपनापन झलकता है। लेकिन यह हल्कापन जल्द ही टूट जाता है।
विहान जब वड़ा पाव लेने जाता है, तो उसे डीन मिलता है—उसका जीजा, जो अब उसकी जिंदगी का एक अनचाहा हिस्सा बन चुका है। डीन अपनी पत्नी गौरी की बात करता है, जो सिरदर्द की वजह से घर पर है। लेकिन उसकी बातों में एक अनकही परेशानी छुपी है। विहान को समझ नहीं आता कि डीन उससे क्या चाहता है। उधर, चारु और विहान की बातचीत में एक पुराना दर्द उभरता है। विहान बताता है कि उसने वो घर छोड़ दिया, जहाँ सब कुछ अजीब था—हरी चाय, सलाद का नाश्ता, और एक अहंकारी VPS (शायद कोई अफसर) जिसने उसे परेशान कर दिया। वो कहता है, “मैंने मूड स्विंग्स छोड़ दिए, अब मेरा मूड हमेशा खराब रहता है।” उसकी बातों में हास्य और दुख का मिश्रण है, जो दर्शकों को हँसाता भी है और सोचने पर मजबूर करता भी है।
लेकिन कहानी में असली ट्विस्ट तब आता है जब डीन चारु के पास पहुँचता है और एक चौंकाने वाला खुलासा करता है। वो कहता है, “मैंने तुमसे शादी इसलिए की क्योंकि मेरे घर में एक चुड़ैल है।” चारु के लिए ये सुनना किसी सदमे से कम नहीं। वो गुस्से और दुख से भर उठती है। डीन उसे मनाने की कोशिश करता है, कहता है कि उसकी बहन संध्या की शादी खतरे में है। ससुराल वाले रस्म के लिए आ रहे हैं, और अगर बहू (गौरी) वहाँ न हुई, तो रिश्ता टूट सकता है। वो चारु से कहता है, “मेरे परिवार को बचा लो।” लेकिन चारु का जवाब दिल को छू लेता है। वो कहती है, “तुमने मेरी इच्छा, मेरे परिवार की नहीं सोची। अगर तुम मेरी जगह होते, तो क्या आते? नहीं न? फिर मैं क्यों आऊँ?” उसकी बातों में एक औरत की ताकत और आत्मसम्मान झलकता है, जो समाज के दबाव के आगे झुकने को तैयार नहीं। वो डीन को चाय भी नहीं देती और उसे जाने को कह देती है।
इधर, विहान और उसका परिवार एक और संकट में फँस जाता है। घर में बंद चुड़ैल फिर से होश में आती है। विहान और उसका छोटा भाई अर्जुन उसे गंगा के प Holy पानी से डराते हैं, लेकिन चुड़ैल की चीख में एक रहस्य छुपा है। वो कहती है, “जिसे मेरी चीख सुननी थी, वो सुन चुका।” क्या ये सुनेरी नाम की किसी और औरत की पुकार थी? क्या वो खतरे में है? ये सवाल दर्शकों के मन में कौतुहल जगाते हैं।
दूसरी तरफ, संध्या के ससुराल वाले घर पहुँचते हैं। बबिता आंटी, संध्या की होने वाली सास, अपनी तीखी बातों से माहौल को गरम कर देती हैं। वो संध्या की साड़ी की तारीफ करती हैं, लेकिन ताने भी मारती हैं। जब वो गौरी को देखने की जिद करती हैं, तो परिवार में हड़कंप मच जाता है। गौरी तो वहाँ है ही नहीं! आखिरी मौके पर विहान और अर्जुन अपनी नौकरानी संगीता को साड़ी पहनाकर बहू बनाकर पेश करते हैं। रस्म शुरू होती है, लेकिन बबिता आंटी का शक बढ़ता जाता है। वो कहती हैं, “मुझे बहू का चेहरा अभी देखना है!” ठीक उसी वक्त एपिसोड खत्म हो जाता है, और दर्शक सोच में पड़ जाते हैं कि क्या संगीता का भेद खुलेगा या परिवार इस संकट से बच निकलेगा?
अंतर्दृष्टि (Insights)
इस एपिसोड में भारतीय परिवारों की जटिलताएँ और रिश्तों की गहराई खूबसूरती से उभरकर सामने आई हैं। चारु का किरदार एक ऐसी औरत का प्रतिनिधित्व करता है, जो अपने आत्मसम्मान को हर हाल में बचाए रखना चाहती है। उसका डीन को जवाब देना दिखाता है कि आज की नारी सिर्फ चुपचाप सहन नहीं करती, बल्कि अपनी बात रखने की हिम्मत रखती है। वहीं, विहान की बेबसी और उसकी कोशिशें एक भाई की जिम्मेदारी को दर्शाती हैं, जो अपनी बहन की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार है। संध्या और उसके ससुराल वालों का व्यवहार समाज के उस सच को दिखाता है, जहाँ छोटी-छोटी बातों पर रिश्ते टूटने का डर बना रहता है। चुड़ैल का रहस्य इस पारिवारिक ड्रामे में एक अनोखा तड़का लगाता है, जो कहानी को और रोचक बनाता है।
समीक्षा (Review)
यह एपिसोड भावनाओं और रहस्य का शानदार मिश्रण है। चारु और डीन के बीच का टकराव दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है कि क्या सही है और क्या गलत। विहान का हास्य और उसकी परेशानी कहानी में हल्कापन लाती है, वहीं संगीता को बहू बनाकर पेश करने का आइडिया थोड़ा फिल्मी जरूर लगता है, लेकिन भारतीय टीवी ड्रामों की शैली को बखूबी दर्शाता है। बबिता आंटी का किरदार थोड़ा ठीक-ठाक लिखा जा सकता था, ताकि वो सिर्फ ताने मारने वाली सास न लगे। कुल मिलाकर, एपिसोड का अंत बेहद रोमांचक है और अगली कड़ी का इंतजार करवाता है।
सबसे अच्छा सीन (Best Scene)
सबसे अच्छा सीन वो है जब चारु डीन को अपने घर से जाने के लिए कहती है। उसकी आँखों में गुस्सा, दुख और ताकत का मिश्रण देखते ही बनता है। जब वो कहती है, “अगर तुम मेरी जगह होते, तो क्या आते? फिर मैं क्यों आऊँ?”—ये पल न सिर्फ भावनात्मक है, बल्कि एक औरत के आत्मसम्मान की जीत को भी दिखाता है। डीन की चुप्पी और चारु की दृढ़ता इस दृश्य को यादगार बनाती है।
अगले एपिसोड का अनुमान
अगले एपिसोड में शायद बबिता आंटी संगीता का घूँघट हटाने की कोशिश करेगी, और परिवार के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी। डीन गौरी को मनाने की एक और कोशिश कर सकता है, लेकिन क्या गौरी उसकी बात मानेगी? चुड़ैल का रहस्य भी गहरा सकता है—क्या सुनेरी कोई अहम किरदार है? अगला एपिसोड और टेंशन लाएगा, लेकिन उम्मीद की किरण भी बरकरार रहेगी।