फूल की खोज और आदिति की रस्म
Jhanak 11 July 2025 Written Update आज का एपिसोड आशीर्वाद की रस्म से शुरू होता है। अंजना सबको बताती है कि सारी तैयारियाँ हो चुकी हैं। अर्शी जल्दी-जल्दी सब चीजें चेक करने जाती है। उधर, अनिरुद्ध की नजर फूल पर पड़ती है, जो अकेली खड़ी है। अनिरुद्ध उसे बुलाता है, लेकिन अचानक हुई आवाज से फूल डर जाती है। अनिरुद्ध मजाक में कहता है, “मैं तो समझा था तुम सिर्फ डाकू बनना जानती हो, ऐसी चुपचाप लड़की नहीं!” फूल अपनी पुरानी बदतमीजी के लिए माफी माँगती है। अनिरुद्ध को लगता है कि वह फूल को पहले से जानता है। उसे याद आता है कि फूल शिमुलबोनी से है, जहाँ झनक भी गई थी। वह फूल से पूछता है, “तुम शिमुलबोनी में ही पैदा हुई थीं ना?” फूल हाँ कहती है। फिर वह पूछती है, “ये भवानीपुर है ना?” अनिरुद्ध हाँ कहता है। फूल को याद आता है कि उसकी माँ नूतन ने बताया था कि उसका पिता भवानीपुर में रहता है।

तभी अर्शी आती है और गुस्से में अनिरुद्ध से पूछती है, “ये जोकर कौन है?” अनिरुद्ध उसे फूल से मिलवाता है। अर्शी फूल को डाँटती है और कहती है, “अब कोई गलती मत करना। और हाँ, अपने गाँव से हमारे लिए एक नौकरानी लाना।” फिर वह अनिरुद्ध को पुजारी के पास ले जाती है, जो आशीर्वाद की रस्म शुरू करने को कहता है। फूल सोचती है कि उसे अपने पिता को ढूँढना ही होगा।
उधर, पायल तनुश्री से पूछती है, “क्या आदिति इतने बड़े घर में रहने के बाद हमारे घर में ढल पाएगी?” तनुश्री कहती है, “आदिति समझदार है। वह ठीक ढल जाएगी, जैसे तुम ढली थीं।” यह सुनकर पायल हँस पड़ती है।
आशीर्वाद की रस्म शुरू होती है। झनक उदास होकर इसे देखती है। दादाभाई आदिति को आशीर्वाद देते हैं और कहते हैं, “अपने ससुराल को छोड़ने का घर मत समझो।” इंदुमति आदिति को एक हार देती है। अंजना अभिमन्यु से कहती है कि वह भी आदिति को आशीर्वाद दे। अभिमन्यु कहता है, “मेरे आशीर्वाद तो हमेशा आदिति के साथ हैं। दादाभाई और इंदुमति ने पहले ही आशीर्वाद दे दिया।” अर्शी गुस्सा होकर कहती है, “ऋषि के माता-पिता को यह रस्म करनी चाहिए।” दादाभाई भी कहते हैं कि अभिमन्यु और तनुश्री को यह करना होगा। वे आदिति को आशीर्वाद देते हैं। अंजना कहती है, “आदिति बहुत भाग्यशाली है कि उसे इतना प्यारा ससुराल मिला।”

अनिरुद्ध भावुक हो जाता है। वह कहता है, “ऐसा लगता है जैसे कल ही आदिति पैदा हुई थी, और आज वह शादी करने जा रही है।” वह रोने लगता है। आदिति उसे गले लगाकर कहती है, “पापा, रोइए मत।” अनिरुद्ध कहता है, “तुम्हारे बिना घर की रौनक चली जाएगी, लेकिन मुझे खुशी है कि तुम अच्छे परिवार में जा रही हो।” यह देख फूल को अपनी माँ नूतन की याद आती है। वह सोचती है, “माँ, तुमने मुझे मेरे पापा के बारे में क्यों नहीं बताया?” वह तय करती है कि उसे अपने पिता को ढूँढने का यह मौका नहीं छोड़ना चाहिए।
खाने का समय होता है। अर्शी गर्व से कहती है कि खाना कोलकाता के सबसे अच्छे कैटरर से आया है। सब चौंक जाते हैं जब वह बताती है कि एक प्लेट की कीमत 4000 रुपये है! इंदुमति मिष्टी से कहती है कि फूल को बुलाए। अर्शी रूखेपन से कहती है, “फूल हमारे साथ नहीं, स्टाफ के साथ खाएगी।” दादाभाई पूछता है, “फूल कहाँ है?” अभिमन्यु शिकायत करता है, “फूल हमेशा गड़बड़ करती है।” पायल अनिरुद्ध से कहती है कि कोई फूल को ढूँढने जाए।
चोटन वापस आता है और कहता है कि उसने हर जगह देखा, पर फूल नहीं मिली। आदिति सोचती है, “क्या वह बाहर चली गई?” दादाभाई कहता है, “फूल यहाँ किसी को नहीं जानती।” अंजना कहती है, “शायद वह थोड़ा घूमने गई होगी।” सब फूल को ढूँढने निकलते हैं।

इधर, फूल भवानीपुर की सड़कों पर घूम रही है। वह कई बंगलों को देखती है और सोचती है, “पापा का घर कौन सा है?” उसे रास्ता भूल जाता है, और वह मदद के लिए रोने लगती है। कुछ लोग उससे पूछते हैं, “तुम कहाँ से आई हो? तुम्हारा घर कहाँ है?” फूल कहती है, “मैं अपने पापा का घर ढूँढने भवानीपुर आई थी, पर अब मैं खो गई हूँ।” लोग उससे पूछते हैं, “तुम्हारे पापा का घर कहाँ है?” फूल गुस्सा होकर कहती है, “अगर मुझे पता होता, तो क्या मैं यहाँ चिल्ला रही होती?” वह कहती है, “मुझे किसी की मदद नहीं चाहिए। मेरी माँ ने सिखाया है कि कभी किसी से मदद, सलाह, या प्रसाद नहीं लेना।” लोग हँसते हैं, और फूल और गुस्सा हो जाती है। वह सोचती है, “हे भगवान, अब मैं क्या करूँ?”
Jhanak का पिछला एपिसोड पढ़ें और इस मजेदार कहानी का हिस्सा बनें!
अंतर्दृष्टि
इस एपिसोड में अनिरुद्ध का भावुक पक्ष दिखता है। वह आदिति की शादी से खुश है, पर उसे छोड़ने का दुख भी है। फूल का किरदार बहुत मासूम और मजेदार है। वह अपने पिता को ढूँढना चाहती है, पर उसकी मस्ती और गुस्सा उसे मुसीबत में डाल देता है। अर्शी का रूखा व्यवहार दिखाता है कि वह फूल को छोटा समझती है। यह एपिसोड परिवार, प्यार, और थोड़ी मस्ती से भरा है।
समीक्षा
Jhanak 11 July 2025 का यह एपिसोड बहुत भावुक और मजेदार है। आशीर्वाद की रस्म में परिवार का प्यार दिखता है। फूल की हरकतें हँसाती हैं, पर उसका खो जाना चिंता बढ़ाता है। अर्शी का व्यवहार थोड़ा खटकता है, लेकिन अनिरुद्ध और आदिति का रिश्ता दिल को छूता है। कहानी में उत्साह और भावनाएँ बराबर हैं।
सबसे अच्छा सीन
सबसे अच्छा सीन है जब अनिरुद्ध आदिति को गले लगाकर रोता है। वह कहता है, “तुम्हारे बिना घर की रौनक चली जाएगी।” यह सीन बहुत भावुक है और परिवार के प्यार को दिखाता है। आदिति का अपने पापा को सँभालना बहुत प्यारा लगता है।
अगले एपिसोड का अनुमान
अगले एपिसोड में फूल को कोई रास्ता दिखाने वाला मिल सकता है। शायद अनिरुद्ध और बाकी लोग उसे ढूँढ लें। क्या फूल अपने पिता का घर ढूँढ पाएगी? या कोई नया राज खुलेगा? जानने के लिए देखते रहें Jhanak!
Jhanak 10 July 2025 Written Update