Isha Sees Gayatri’s New Side गायत्री के तानों और गोलगप्पा मस्ती के बीच परिवार में तनाव –
Ram Bhavan 22 April 2025 Written Update के इस नाटकीय एपिसोड में परिवार के भीतर तनाव, भावनात्मक टकराव और रिश्तों की गहराई को बखूबी दर्शाया गया है। सुबह की शुरुआत गायत्री के तीखे तानों से होती है, जो आचार्यजी को उनकी उम्र में सिलेंडर उठाने की कोशिश के लिए ताने मारती हैं। आचार्यजी की पीठ में चोट लगने की वजह से घर में हलचल मच जाती है, और गायत्री उन्हें गैर-जिम्मेदार ठहराते हुए घर के खर्चों का हिसाब सुनाने लगती हैं। वह कहती हैं कि पिछले आठ सालों से वह घर की सारी जिम्मेदारियां संभाल रही हैं और हर पैसे को कमाने में कितना खून-पसीना लगता है, इसका अंदाजा किसी को नहीं है।
ओम, जो अपने पिता के लिए गहरा सम्मान रखता है, गायत्री के कठोर शब्दों को बर्दाश्त नहीं कर पाता। वह गुस्से में गायत्री से सवाल करता है कि क्या उनके सीने में दिल है भी या नहीं, जो अपने ससुर को इस तरह अपमानित कर रही हैं। दूसरी ओर, ईशा अपने ससुर का पक्ष लेती है और कहती है कि आचार्यजी तो बस उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे थे ताकि खाना जल्दी बन सके और वे समय पर ऑफिस जा सकें। वह जय भैया से सवाल करती है कि उन्होंने सिलेंडर लाने की जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई, जबकि उन्होंने उनसे मदद मांगी थी। जय, जो इस बात से झुंझलाया हुआ है, कहता है कि उसने सिलेंडर लाने की कोशिश की थी, लेकिन परिवार में धैर्य की कमी के कारण यह सब हुआ, और वह सारा दोष आचार्यजी पर मढ़ देता है।
ईशा और ओम एकजुट होकर गायत्री और जय के रवैये का विरोध करते हैं। ईशा तर्क देती है कि एक बड़े बेटे के रूप में जय की भी घर की जिम्मेदारियां हैं, जैसे जगदीश भैया निभाते हैं। लेकिन जय उसे चुप रहने को कहता है, यह दावा करते हुए कि वह एक बाहरी व्यक्ति है और उसे पारिवारिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। ओम गुस्से में जय को जवाब देता है कि ईशा ने इस परिवार को हर किसी से ज्यादा समझा और अपनाया है, और वह इस घर की बेटी है, इसलिए उसे हर हक है अपनी बात कहने का।
गायत्री इस एकजुटता को देखकर तंज कसती है और ईशा और ओम की शादी को “खैरात की शादी” कहकर मजाक उड़ाती है। वह कहती है कि यह सब एक नाटक है, जिसे वे उसे परेशान करने के लिए कर रहे हैं। जानकी, जो अब तक चुप थीं, बीच में बोलती हैं और कहती हैं कि वह और आचार्यजी अपनी समस्याओं को खुद संभाल लेंगे, लेकिन घर में और कलह नहीं चाहतीं। वह गायत्री से कहती हैं कि वह अपनी हिदायत ओम और ईशा को दें। ईशा स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए ओम को शांत करती है और उसे रसोई में सिलेंडर लगाने में मदद करने के लिए ले जाती है।
बाद में, ओम थोड़ी देर पढ़ाई करता है, लेकिन 20 मिनट बाद ही वह इसे “विश्व रिकॉर्ड” मानकर ब्रेक लेने लगता है और मौज-मस्ती में जुट जाता है। तभी उसे अपने दोस्त मुरारी का फोन आता है, जो उसे और ईशा को अपने यहाँ डिनर पार्टी के लिए आमंत्रित करता है। ओम और ईशा शाम को मुरारी के अड्डे पर पहुँचते हैं, जहाँ उनके दोस्तों ने उनके स्वागत में चाउमीन बनाई थी, जो जल जाती है। ईशा इस स्थिति पर हँसती है और दोस्तों की मेहनत की तारीफ करती है। फिर सभी मिलकर गोलगप्पा पार्टी करने का फैसला करते हैं। ईशा और ओम के बीच गोलगप्पा खाने की मस्ती भरी प्रतियोगिता होती है, जिसमें ईशा जीत जाती है और सभी को अपनी चटोरापन से हैरान कर देती है।
पार्टी में मुरारी कुछ बियर की बोतलें लाता है, लेकिन ईशा सख्ती से ओम को चेतावनी देती है कि वह आज थोड़ा पी सकता है, लेकिन अगले कुछ दिनों तक उसे अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना होगा, क्योंकि यह उसके और मामा जी के लिए बहुत जरूरी है। वह मुरारी और बाकी दोस्तों से भी कहती है कि वे ओम की पढ़ाई की अहमियत को समझें और उसे तफरी में न उलझाएँ। ओम इस बात से नाराज़ हो जाता है और ईशा को उठने के लिए कहता है। एपिसोड एक तनावपूर्ण नोट पर खत्म होता है, जिसमें ओम की जिम्मेदारियों और उसकी लापरवाही के बीच का संघर्ष सामने आता है।
अंतर्दृष्टि (Insights)
यह एपिसोड परिवार के भीतर जिम्मेदारियों, सम्मान और गलतफहमियों के इर्द-गिर्द घूमता है। गायत्री का कठोर रवैया और आचार्यजी के प्रति उसका तिरस्कार दर्शाता है कि वह परिवार को एक बोझ की तरह देखती है, जबकि ईशा और ओम का उनके ससुर के प्रति प्रेम और सम्मान पारिवारिक मूल्यों की ताकत को दर्शाता है। जय की गैर-जिम्मेदाराना हरकतें और ईशा के प्रति उसका रवैया यह सवाल उठाता है कि क्या वह वाकई परिवार का हिस्सा बनना चाहता है। ईशा की समझदारी और ओम की भावुकता इस बात को रेखांकित करती है कि प्यार और एकजुटता ही परिवार को जोड़े रखती है। मुरारी और दोस्तों के साथ मस्ती भरे पल इस भारी-भरकम ड्रामे में हल्कापन लाते हैं, लेकिन ईशा की सख्ती यह दिखाती है कि वह ओम के भविष्य को लेकर कितनी गंभीर है।
समीक्षा (Review)
यह एपिसोड भावनात्मक गहराई और हल्के-फुल्के क्षणों का शानदार मिश्रण है। गायत्री और आचार्यजी के बीच का तनाव दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है कि क्या पैसा वाकई रिश्तों से ऊपर है। ईशा और ओम की केमिस्ट्री इस एपिसोड की जान है, जो उनकी शादी को एक मजबूत आधार देती है। जय का किरदार थोड़ा एकतरफा लगता है, क्योंकि उसकी गैर-जिम्मेदारी को बार-बार दिखाया गया है, लेकिन उसकी बैकस्टोरी की कमी खलती है। मुरारी और गोलगप्पा प्रतियोगिता जैसे दृश्य दर्शकों को हँसाने में कामयाब रहे, लेकिन एपिसोड का अंत थोड़ा जल्दबाजी में लगा, क्योंकि ओम और ईशा का तनाव अनसुलझा रह गया। कुल मिलाकर, यह एपिसोड पारिवारिक ड्रामे और हास्य का एक संतुलित मिश्रण है।
सबसे अच्छा सीन (Best Scene)
सबसे यादगार दृश्य है गोलगप्पा प्रतियोगिता, जिसमें ईशा और ओम की मस्ती और मुरारी के साथ दोस्तों की नोंक-झोंक दर्शकों का दिल जीत लेती है। ईशा का गोलगप्पे ठूस-ठूस कर खाना और फिर ओम को हराकर सबको हैरान करना इस एपिसोड का सबसे मजेदार और हल्का पल है। यह दृश्य न सिर्फ हँसी लाता है, बल्कि ईशा के चुलबुले और आत्मविश्वास से भरे व्यक्तित्व को भी सामने लाता है।
अगले एपिसोड का अनुमान
अगले एपिसोड में ईशा और ओम के बीच तनाव बढ़ सकता है, क्योंकि ईशा की सख्ती ओम को और बगावत करने के लिए उकसा सकती है। गायत्री का आचार्यजी और जानकी के प्रति रवैया और भी कठोर हो सकता है, जिससे परिवार में और दरार पड़ सकती है। जय की गैर-जिम्मेदारी और ईशा के प्रति उसका गुस्सा शायद किसी बड़े टकराव का कारण बने। साथ ही, मुरारी की पार्टी के बाद ओम की पढ़ाई पर ध्यान देने की चुनौती और दिलचस्प मोड़ ला सकती है। क्या ईशा ओम को सही रास्ते पर ला पाएगी, या गायत्री का दबदबा परिवार को और तोड़ देगा? यह देखना रोमांचक होगा।
Ram Bhavan 21 April 2025 Written Update