Ram Bhavan 24 April 2025 Written Update

Isha Confronts Gayatri ईशा-ओम की दोस्ती और मिली की वापसी ने मचाया धमाल –

Ram Bhavan 24 April 2025 Written Update के इस रोचक एपिसोड में, परिवार, रिश्तों और पढ़ाई के बीच की जद्दोजहद को बेहद भावनात्मक और नाटकीय अंदाज में दिखाया गया है। यह कहानी ईशा और ओम के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां ईशा अपने पति ओम को उनकी पढ़ाई में केंद्रित रखने की कोशिश करती है, जबकि घर में गायत्री और नायसा की शरारतें उनके लिए चुनौतियां खड़ी करती हैं। इस बीच, मिली की अचानक मुलाकात ईशा के साथ पुराने रिश्तों को फिर से ताजा करती है, जिससे ओम का मूड खराब हो जाता है। यह एपिसोड पारिवारिक मूल्यों, आपसी समझ और व्यक्तिगत आस्थाओं के बीच संतुलन को खूबसूरती से दर्शाता है।

एपिसोड की शुरुआत होती है जब प्रभा को ईशा बताती है कि उनकी शिफ्ट खत्म हो गई है और टॉयलेटरीज़ का सामान स्टोर रूम में रख दिया गया है। ईशा घर लौटने से पहले ओम को फोन करती है ताकि पूछ सके कि क्या उसे नोट्स के प्रिंटआउट चाहिए, लेकिन ओम फोन नहीं उठाता। घर पहुंचने पर ईशा को ओम सोता हुआ मिलता है। कुछ देर बाद ओम जागता है और बताता है कि उसने आज चार चैप्टर पूरे किए हैं। वह उत्साह से बताता है कि नायसा और उसके दोस्तों ने उसे खेलने के लिए मजबूर किया, जिसके चलते पूरा घर बच्चों की शरारतों से गूंज उठा। ओम की बातों में उसका बच्चों के प्रति प्यार और थकान दोनों झलकती है।

ईशा को शक होता है कि नायसा और उसके दोस्तों का घर आना और ओम को परेशान करना गायत्री की सोची-समझी साजिश हो सकती है, ताकि ओम की पढ़ाई में बाधा पड़े। वह ओम को खेल और आराम के बाद अब पढ़ाई पर ध्यान देने को कहती है और उसके लिए कॉफी लाने की बात करती है। दूसरी ओर, गरीमा और गायत्री की बातचीत से पता चलता है कि उन्होंने दिन में नायसा के बहाने ओम को पढ़ाई से रोकने का प्लान बनाया था। हालांकि, ओम की गंभीरता देख गरीमा को लगता है कि वह रात में जरूर पढ़ेगा, लेकिन गायत्री दावा करती है कि उसे ओम को विचलित करने में एक मिनट भी नहीं लगेगा।

गायत्री नायसा के साथ नीचे जाती है और तेज म्यूजिक के साथ डांस शुरू कर देती है, जिससे ओम की पढ़ाई में खलल पड़ता है। वह कुछ कहने के लिए उठता है, लेकिन ईशा उसे रोकती है और बाहर पढ़ने का सुझाव देती है। बाहर शांत माहौल में ईशा ओम को बेंच पर बैठने को कहती है और खुद अपने ऑफिस का काम शुरू करती है। इस बीच, ईशा को गायत्री की सुबह की ताने याद आती हैं, जिससे वह उदास हो जाती है। फिर भी, वह ओम के लिए चाय लाती है ताकि वह पढ़ाई में जुटा रहे।

ईशा ओम को फोकस बढ़ाने का एक तरीका सुझाती है – सुबह की जॉगिंग। वह उसे अगली सुबह जॉगिंग के लिए ले जाती है, लेकिन ओम नाटक करता है और कहता है कि वह इतनी सुबह नहीं दौड़ सकता। ईशा उसे समझाती है कि जॉगिंग से दिमाग और शरीर स्वस्थ रहता है, जो पढ़ाई के लिए जरूरी है। ओम अनमने मन से जॉगिंग करता है, लेकिन जल्दी थक जाता है और नाटकीय अंदाज में अस्पताल ले जाने की बात करता है। ईशा उसकी नौटंकी समझकर हंसती है और उसे और प्रेरित करती है।

इसके बाद ईशा ओम को मंदिर ले जाती है, जहां ओम कहता है कि उसका भगवान से रिश्ता जटिल है और वह मंदिर में नहीं जाएगा। ईशा उसकी भावनाओं का सम्मान करती है और कहती है कि आस्था निजी पसंद है, वह उसकी जगह भी प्रार्थना कर लेगी। ओम ईशा की गैर-जजमेंटल सोच से प्रभावित होता है और उसे एक भरोसेमंद और समझदार इंसान बताता है। दोनों की यह बातचीत उनकी दोस्ती और आपसी समझ को और गहरा करती है।

मंदिर में ईशा ओम और अपने लिए प्रार्थना करती है। उसी समय मिली भी वहां प्रार्थना कर रही होती है, जो अपने परिवार और ईशा के साथ रिश्ते ठीक करने की दुआ मांगती है। मंदिर से निकलते वक्त मिली ईशा को देखकर भावुक हो जाती है और उसे गले लगाकर कहती है कि वह उसे बहुत मिस करती थी। ईशा चुप रहती है, जबकि मिली उत्साह से बात करती रहती है। ओम मिली को देखकर नाराज हो जाता है और मुंह फेर लेता है। एपिसोड का अंत इस भावनात्मक मुलाकात पर होता है, जो कई सवाल छोड़ जाता है।


अंतर्दृष्टि

यह एपिसोड परिवार और रिश्तों के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौतियों को उजागर करता है। ईशा का किरदार एक मजबूत और समझदार पत्नी का है, जो न केवल अपने पति ओम को प्रेरित करती है, बल्कि उसकी कमियों को भी प्यार और धैर्य से स्वीकार करती है। ओम की चंचलता और पढ़ाई के प्रति गंभीरता का मिश्रण उसे एक रिलेटेबल किरदार बनाता है। गायत्री की साजिश और मिली की अचानक वापसी कहानी में नया मोड़ लाती है, जो रिश्तों में विश्वास और गलतफहमियों को दर्शाती है। ईशा का ओम की आस्था को बिना जज किए स्वीकार करना इस एपिसोड का सबसे प्रेरणादायक हिस्सा है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सम्मान के महत्व को रेखांकित करता है।

समीक्षा

राम भवन का यह एपिसोड भावनाओं, हास्य और ड्रामे का शानदार मिश्रण है। ईशा और ओम की केमिस्ट्री दर्शकों को बांधे रखती है, खासकर जब ईशा ओम की नौटंकी को हंसकर टाल देती है। गायत्री का किरदार नकारात्मक होते हुए भी कहानी में रोमांच जोड़ता है। मिली की वापसी और ईशा के साथ उसकी मुलाकात ने कहानी को और जटिल बना दिया है, जो अगले एपिसोड के लिए उत्सुकता बढ़ाता है। हालांकि, कुछ दृश्य, जैसे जॉगिंग वाला सीन, थोड़ा लंबा खिंचा हुआ लगता है। फिर भी, लेखन और अभिनय की तारीफ करनी होगी, जो हर किरदार को जीवंत बनाता है।

सबसे अच्छा सीन

सबसे यादगार सीन है ईशा और ओम की मंदिर के बाहर बातचीत। ओम का खुलकर अपनी आस्था के बारे में बात करना और ईशा का उसे बिना जज किए स्वीकार करना दिल को छू जाता है। ईशा का कहना कि “आस्था निजी पसंद है” और ओम का उसे “भरोसेमंद” बताना दोनों के बीच की दोस्ती और सम्मान को खूबसूरती से दर्शाता है। यह सीन न केवल भावनात्मक है, बल्कि आज के समय में व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समझ के महत्व को भी रेखांकित करता है।

अगले एपिसोड का अनुमान

अगले एपिसोड में मिली और ईशा के रिश्ते की गहराई सामने आ सकती है। ओम की मिली के प्रति नाराजगी क्या नया तूफान लाएगी? गायत्री की साजिश का अगला कदम क्या होगा, और क्या ईशा ओम को उसकी पढ़ाई में और मजबूत कर पाएगी? मिली की प्रार्थना और ईशा के साथ उसकी मुलाकात से क्या परिवार में पुराने जख्म फिर हरे होंगे, या कोई नया रिश्ता बनेगा? यह सब जानने के लिए अगला एपिसोड रोमांचक होने वाला है।


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