Suman Gets Chandrakant and Devika Arrested गीतांजलि का रौद्र रूप और देविका की साजिश –
आज का Suman Indori 22 April 2025 Written Update परिवार, सत्य और न्याय की एक ऐसी कहानी लेकर आया है, जो हर दर्शक के दिल को छू लेगा। इस एपिसोड में सुमन अपनी अटल हिम्मत और सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए चंद्रकांत मित्तल और देविका के काले कारनामों का पर्दाफाश करती है। दूसरी ओर, गीतांजलि देवी, जो अब तक चुपचाप अपने पति के अत्याचार सहती रही, आज अपनी शक्ति को पहचानकर एक नया रूप धारण करती हैं। यह एपिसोड न केवल पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों की गहराई को दर्शाता है, बल्कि एक औरत की अंदरूनी ताकत को भी उजागर करता है। तीर्थ और सुमन मिलकर अपने भाई ऋषि के हत्यारों को सजा दिलाने की ठान लेते हैं, लेकिन देविका की आखिरी चेतावनी इस कहानी में एक नया मोड़ लाती है।
एपिसोड की शुरुआत तब होती है, जब चंद्रकांत गुस्से में सुमन को घर से निकालने की कोशिश करते हैं। वह सुमन को धमकाते हैं और कहते हैं, “निकल, जाऊंगी, लेकिन पहले आप निकल के जाएंगे।” सुमन दृढ़ता से जवाब देती हैं कि वह अपने भाई ऋषि के हत्यारों को सजा दिलवाकर ही जाएंगी। तीर्थ अपने पिता चंद्रकांत के इस व्यवहार का विरोध करता है, लेकिन तभी गीतांजलि देवी का गुस्सा फट पड़ता है। वह चंद्रकांत को करारा थप्पड़ जड़ती हैं, जो सभी को हैरान कर देता है। गीतांजलि अपने पति के सालों पुराने अत्याचारों का हिसाब मांगती हैं। वह कहती हैं, “मैंने अपनी हर खुशी कुर्बान की, मेरे लड्डू (तीर्थ) की खुशियां भी छीन लीं, लेकिन आपने कभी मेरी या मेरे बच्चों की कदर नहीं की।” वह चंद्रकांत पर तीर्थ के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने और देविका की गलत हरकतों को बढ़ावा देने का आरोप लगाती हैं। सबसे बड़ा खुलासा तब होता है, जब वह कहती हैं कि चंद्रकांत ने सुमन के भाई ऋषि की हत्या करवाई।
गीतांजलि का यह रौद्र रूप देख चंद्रकांत हक्का-बक्का रह जाते हैं। वह उसे थप्पड़ मारने की कोशिश करते हैं, लेकिन गीतांजलि अब और नहीं सहेंगी। वह कहती हैं, “आज जो गीतांजलि आपके सामने खड़ी है, अगर आपने उसकी बेइज्जती की, तो दुगना वापस मिलेगा।” वह सुमन और तीर्थ के साथ मिलकर चंद्रकांत और देविका को जेल भिजवाने का प्रण लेती हैं। सुमन भी पीछे नहीं हटती और कहती है, “आपने मेरे भाई को मारा, अब मैं आपको जेल भिजवाऊंगी।” चंद्रकांत अपनी सफाई में कहते हैं कि वह भगवान हैं, लेकिन गीतांजलि जवाब देती हैं, “पति परमेश्वर नहीं, मामूली इंसान होता है, जो गलतियां करता है।”
इसी बीच हेमा और मालिनी वहां पहुंचती हैं और चंद्रकांत की सच्चाई जानकर स्तब्ध रह जाती हैं। हेमा उसे श्राप देती हैं, “आपने जो दुख मेरे परिवार को दिया, उसकी सजा आपको हर जन्म में मिले।” चंद्रकांत घबराकर सुमन, तीर्थ और अखिल से माफी मांगने लगते हैं, लेकिन कोई उनकी बात नहीं सुनता। सुमन पुलिस को बुलाती है और इंस्पेक्टर को चंद्रकांत और देविका को गिरफ्तार करने के लिए कहती है। गिरफ्तारी से पहले देविका एक आखिरी बार सुमन को गले लगाने की इच्छा जताती है। सभी हैरान हो जाते हैं, लेकिन सुमन उसकी बात मान लेती है। गले लगते समय देविका फुसफुसाती है, “खेल अभी खत्म नहीं हुआ।” यह सुनकर सुमन के मन में एक नया डर जागता है। पुलिस दोनों को ले जाती है।
इसके बाद कृतिका अपने बच्चे के भविष्य को लेकर चिंतित होती है। गीतांजलि वादा करती हैं कि वह बच्चे की जिम्मेदारी लेंगी, लेकिन कृतिका को घर में रहने की इजाजत नहीं देतीं। वह कहती हैं, “तुम अपने पापा के साथ जाओ, मेरे घर में और कलेश नहीं चाहिए।” कृतिका और गजेंद्र को घर छोड़ना पड़ता है।
एपिसोड के अंत में एक नया खतरा सामने आता है। देविका ने पहले ही विक्रम को सुमन से बदला लेने का आदेश दिया था। विक्रम भूमि को बहला-फुसलाकर उससे शादी करने का नाटक करता है, ताकि सुमन को दुख पहुंचाया जा सके। भूमि को लगता है कि सुमन उसे विक्रम से अलग करना चाहती है, जबकि असल में यह देविका की साजिश है। दूसरी ओर, चंद्रकांत सारा इल्जाम अपने सिर ले लेते हैं, जिससे देविका पुलिस हिरासत से रिहा हो जाती है। वह विक्रम को फोन करके अपनी योजना को आगे बढ़ाने के लिए कहती है। सुमन को देविका की आखिरी चेतावनी याद आती है, और वह सोच में पड़ जाती है कि अब क्या होगा।
अंतर्दृष्टि
यह एपिसोड औरत की शक्ति और आत्मसम्मान की जीत की कहानी है। गीतांजलि देवी का अपने पति के खिलाफ खड़ा होना और सुमन का अपने भाई के लिए न्याय की लड़ाई लड़ना, दोनों ही भारतीय परिवारों में रिश्तों की जटिलता और सच्चाई की ताकत को दर्शाते हैं। चंद्रकांत का पाखंड और देविका की चालाकी इस बात का सबूत है कि सच्चाई कितनी भी छिप जाए, वह एक दिन सामने आ ही जाती है। तीर्थ और अखिल का अपनी मां और भाभी के साथ खड़ा होना परिवार में एकता की मिसाल है।
समीक्षा
यह एपिसोड भावनाओं का एक रोलरकोस्टर है। गीतांजलि का किरदार इस एपिसोड की रीढ़ है, जिन्होंने सालों की चुप्पी को तोड़कर अपने परिवार के लिए आवाज उठाई। सुमन की हिम्मत और देविका की चालाकी के बीच का टकराव कहानी को रोमांचक बनाता है। हालांकि, विक्रम और भूमि की कहानी को थोड़ा और समय देने की जरूरत थी, ताकि उनकी साजिश और गहराई से समझ आ सके। डायलॉग्स, खासकर गीतांजलि के, दिल को छू लेते हैं। कुल मिलाकर, यह एपिसोड ड्रामा, इमोशन और सस्पेंस का शानदार मिश्रण है।
सबसे अच्छा सीन
सबसे यादगार सीन वह है, जब गीतांजलि देवी चंद्रकांत को थप्पड़ मारती हैं और अपने सालों पुराने दर्द को बयान करती हैं। उनका कहना, “आपने मेरे लड्डू के आत्मसम्मान को रौंदा, मेरे परिवार की खुशियों को छीना,” हर दर्शक के दिल में गूंजता है। यह सीन न केवल गीतांजलि की शक्ति को दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि एक औरत जब अपनी ताकत पहचान लेती है, तो वह दुनिया बदल सकती है।
अगले एपिसोड का अनुमान
अगला एपिसोड देविका की साजिश को और गहरा करेगा। विक्रम और भूमि की शादी की बात क्या सुमन के लिए एक नया खतरा बन जाएगी? क्या सुमन देविका की चाल को वक्त रहते समझ पाएगी? गीतांजलि और तीर्थ अब परिवार को कैसे संभालेंगे? यह देखना रोमांचक होगा कि सुमन इस नए खेल में कैसे जीत हासिल करती है।
Suman Indori 21 April 2025 Written Update