रोहित की विदाई: क्या टूट जाएगा रूही और अरमान का परिवार?-
आज का एपिसोड Yeh Rishta Kya Kehlata Hai 4 April 2025 शुरू होता है एक माँ की पुकार से, जो अपने बच्चों से कहती है, “मेरे बच्चों, फिर से सोचो। क्या ये सही फैसला है कि हम इस बच्चे को इस दुनिया में लाएँ?” ये शब्द हवा में गूंजते हैं, और हमें एक परिवार के उस नाजुक पल में ले जाते हैं जहाँ हर सवाल जिंदगी और मौत से जुड़ा हुआ है। कहानी का माहौल शुरू से ही भावनाओं से भरा हुआ है, जहाँ प्यार, दर्द और उम्मीद एक साथ नजर आते हैं।
पहला दृश्य हमें रूही और रोहित के पास ले जाता है। रूही, जो अपने पति रोहित के बिस्तर के पास बैठी है, उसकी आँखों में आँसुओं की चमक और दिल में एक अनकही माफी है। वो धीरे से कहती है, “रोहित, मुझे माफ कर दो। मैंने तुमसे कुछ छुपाया था।” उसकी आवाज में कांपन है, जैसे कोई भारी बोझ उसके सीने पर रखा हो। वो बताती है कि अरमान और अभिरा की शादी से पहले जब वो रोहित के पास लौटी थी, तो उसका मकसद उनकी शादी को तोड़ना था। “मैं नासमझ थी, रोहित। मुझे अपने सच्चे प्यार की पहचान नहीं थी। तुम ही मेरा सच्चा प्यार हो,” वो कहती है, और उसकी आवाज में पछतावा और प्यार दोनों झलकते हैं। रोहित, जो अभी कोमा में है, बस हल्का सा हाथ हिलाता है। अभिरा, जो पास खड़ी है, कहती है, “ये अच्छा संकेत है न? वो सुन रहा है।” रूही की आँखों में उम्मीद जागती है, और वो कहती है, “रोहित, जल्दी ठीक हो जाओ। मैं और दक्ष तुम्हारा इंतजार करेंगे।”
दूसरी तरफ, अरमान भी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। अभिरा उसके बिस्तर के पास बैठी है, उसकी बातें कभी प्यार से भरी हैं, तो कभी गुस्से से। वो कहती है, “अरमान, मैंने तुम्हें अपनी जिंदगी में आने की दावत नहीं दी थी। फिर भी तुम आए, मेरे दोस्त बने, मेरे प्यार बने, मेरे पति बने, मेरा परिवार बने। अब अगर तुमने मुझे छोड़ने की सोची, तो मैं तुम्हें नहीं छोड़ूंगी।” उसकी आवाज में एक पत्नी का हक और एक औरत का दर्द साफ सुनाई देता है। वो मजाक में कहती है, “अगर तुम नहीं उठे, तो मैं तुम्हारे लिए उपमा का बड़ा सा बर्तन लाऊंगी और तुम्हें परेशान करूंगी।” लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिलता, तो वो टूट जाती है और चीखती है, “अरमान, उठ जाओ, मैं यहाँ मर रही हूँ।” नर्स उसे बाहर ले जाती है, लेकिन उसका दिल वहीं अरमान के पास अटका रहता है।
कहानी तब और गहरी हो जाती है जब अरमान कोमा में अपने भाई रोहित से मिलता है। ये एक भावुक मुलाकात है, जहाँ दोनों भाई एक-दूसरे से अपने दिल की बात कहते हैं। रोहित कहता है, “भैया, मैं थक गया हूँ। अब मैं और नहीं लड़ सकता।” अरमान उसे रोकने की कोशिश करता है, “रोहित, माँ तुम्हारे लिए प्रार्थना कर रही है। पापा टूट जाएंगे। दादी को कभी ऐसे रोते देखा है? रूही और दक्ष को तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत है।” लेकिन रोहित मुस्कुराते हुए कहता है, “भैया, मुझे शांति है। तुम मेरे बाद सब संभाल लोगे। रूही और दक्ष का ख्याल रखने का वादा करो।” अरमान का दिल टूट जाता है, लेकिन वो वादा करता है। रोहित विदाई लेता है, “मैं हमेशा तुम सबके बीच रहूँगा, बस अब एक याद बनकर।” और फिर वो चला जाता है।
अस्पताल में हाहाकार मच जाता है। रूही को पता चलता है कि रोहित अब नहीं रहा। वो चीखती है, “रोहित नहीं मर सकता। उसने वादा किया था कि डिलीवरी के बाद वो मुझे और दक्ष को जापान ले जाएगा। वो अपना वादा नहीं तोड़ सकता।” उसकी आवाज में दर्द और इनकार दोनों हैं। दूसरी तरफ, अरमान होश में आता है, और अभिरा की जान में जान आती है। लेकिन रोहित के जाने का गम पूरे परिवार को तोड़ देता है। एपिसोड एक फ्लैशबैक के साथ खत्म होता है, जहाँ रोहित और रूही जापान की ट्रिप की योजना बनाते हैं, हँसते हैं, और एक-दूसरे से जिंदगी भर साथ रहने का वादा करते हैं। लेकिन अब वो वादा अधूरा रह गया है।
अंतर्दृष्टि (Insights)
इस एपिसोड में परिवार के रिश्तों की गहराई और भारतीय समाज में प्यार व जिम्मेदारी का महत्व खूबसूरती से दिखाया गया है। रूही का अपने पति रोहित के प्रति प्यार और उसका पछतावा हमें ये सिखाता है कि सच्चाई को छुपाने की कीमत कितनी भारी हो सकती है। वो अपने अतीत की गलतियों को सुधारना चाहती है, लेकिन वक्त उसे मौका नहीं देता। दूसरी ओर, अभिरा का अरमान के लिए प्यार और उसकी जिद हमें एक ऐसी पत्नी की ताकत दिखाती है, जो हर हाल में अपने परिवार को जोड़े रखना चाहती है। अरमान और रोहित का भाईचारा इस एपिसोड का सबसे मार्मिक हिस्सा है। रोहित का जाना न सिर्फ एक किरदार का अंत है, बल्कि पूरे परिवार के लिए एक नई जिम्मेदारी की शुरुआत है। ये एपिसोड हमें सोचने पर मजबूर करता है कि जिंदगी कितनी नाजुक है और रिश्तों की कीमत हमें वक्त रहते समझनी चाहिए।
समीक्षा (Review)
ये एपिसोड भावनाओं का एक रोलरकोस्टर है। कहानी का हर दृश्य आपको बांधे रखता है, चाहे वो रूही का अपने पति से माफी माँगना हो या अभिरा का अरमान को वापस बुलाने की जिद। डायलॉग्स में गहराई है, जो भारतीय परिवारों की भावनाओं को सही तरीके से पेश करते हैं। रोहित और अरमान के बीच का आखिरी संवाद दिल को छू जाता है, और रोहित की विदाई दर्शकों के लिए एक भावुक झटका है। फ्लैशबैक में रोहित और रूही की खुशहाल बातें कहानी में एक कड़वा-मीठा तड़का डालती हैं। निर्देशन और अभिनय दोनों ही शानदार हैं, खासकर रूही और अभिरा के किरदारों ने अपने दर्द को बखूबी दिखाया। हालांकि, कहानी का अंत थोड़ा जल्दबाजी में लगता है, और रोहित के जाने का असर शायद अगले एपिसोड में और गहराई से दिखाया जा सकता था। फिर भी, ये एपिसोड आपको रुलाता भी है और सोचने पर मजबूर भी करता है।
सबसे अच्छा सीन (Best Scene)
एपिसोड का सबसे अच्छा सीन वो है जब अरमान कोमा में अपने भाई रोहित से मिलता है। रोहित की थकी हुई मुस्कान और अरमान की बेबसी इस दृश्य को अविस्मरणीय बनाती है। जब रोहित कहता है, “भैया, मैं अब याद बनकर तुम सबके बीच रहूँगा,” और अरमान उसे रोकने की कोशिश करता है, तो दोनों भाइयों का प्यार और दर्द स्क्रीन पर जीवंत हो उठता है। ये सीन न सिर्फ भावुक है, बल्कि ये भी दिखाता है कि रिश्ते कितने गहरे और नाजुक होते हैं।
अगले एपिसोड का अनुमान
अगला एपिसोड शायद रोहित के जाने के बाद परिवार के टूटने और फिर से जुड़ने की कहानी दिखाएगा। रूही अपने गम और गर्भावस्था के बीच जूझती नजर आएगी, और अरमान अपने भाई के वादे को निभाने की कोशिश करेगा। अभिरा अपने पति को संभालने के साथ-साथ रूही का सहारा बनेगी। शायद कोई नया ट्विस्ट आए, जैसे रोहित की कोई आखिरी इच्छा या कोई अनसुलझा राज, जो कहानी को नया मोड़ दे।