रूही का दर्द और परिवार का फैसला: क्या अरमान घर लौटेगा?-
एक साधारण दिन Yeh Rishta Kya Kehlata Hai 6 April 2025 Written Update की शुरुआत में ही घर में हलचल मच जाती है जब रूही अचानक गायब हो जाती है। रोहित उसे ढूंढने की कोशिश में परेशान हो उठता है, और घरवाले भी घबरा जाते हैं। सुरेखा जी की आंखों में डर साफ दिखता है, वह कहती हैं, “क्या पता रूही अपने साथ कुछ गलत कर ले?” उनकी बातें सुनकर माहौल और भारी हो जाता है। लेकिन अभिरा, जो हमेशा उम्मीद की किरण बनकर सामने आती है, सबको भरोसा दिलाती है कि वह रूही और उसके बच्चे को कुछ नहीं होने देगी। यह सुनकर थोड़ी राहत मिलती है, पर दिल में एक अनजाना डर अभी भी बना रहता है।
इधर, रोहित सड़कों पर रूही को ढूंढता फिरता है। वह हर राहगीर से उसकी तस्वीर दिखाकर पूछता है, “भैया, क्या आपने इसे देखा?” आखिरकार एक शख्स बताता है कि उसने रूही को कुछ देर पहले उस तरफ जाते देखा था। रोहित की सांस में सांस आती है और वह तेजी से उस दिशा में भागता है। जब वह रूही को ढूंढ लेता है, तो उसे देखकर उसका दिल टूट जाता है। रूही उदास और टूटी हुई सी खड़ी है, उसकी आंखों में आंसुओं का सैलाब है। वह बार-बार कहती है, “रोहित चला गया, अभिरा। उसने मुझे छोड़ दिया। अब मेरी जिंदगी का क्या मतलब?” उसकी बातें सुनकर अभिरा का दिल भी पसीज जाता है, पर वह हिम्मत नहीं हारती। वह रूही को समझाती है, “तुम्हें दक्ष के लिए जीना होगा। वह अपने मां-बाप को ढूंढ रहा होगा।” यह सुनकर रूही थोड़ा ठहरती है, उसे अपने बच्चे की याद आती है। वह रोते हुए कहती है, “मैंने अपने बच्चे को भी भुला दिया था। मैं कितनी बुरी औरत हूं?”
रूही की हालत देखकर अरमान भी भावुक हो उठता है। उसे अपनी मां और भाई की याद सताती है, जो उसी दिन उसे छोड़कर चले गए। वह रूही से माफी मांगता है, कहता है, “मेरी वजह से तुम्हारा सब कुछ छिन गया।” लेकिन रूही उसे रोकती है और कहती है, “नहीं अरमान, तुम मेरे साथ हो, यह मेरे लिए बहुत है।” यह पल परिवार की एकजुटता को दर्शाता है, जहां दुख के बीच भी एक-दूसरे का सहारा बना रहता है।
जब रूही को अस्पताल ले जाया जाता है, तो डॉक्टर बताते हैं कि उसकी IVF प्रेग्नेंसी नाजुक है और उसे खास ख्याल रखना होगा। अभिरा और अरमान राहत की सांस लेते हैं कि रूही और बच्चा दोनों ठीक हैं, पर यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिकती। घर लौटते ही दादी का गुस्सा फूट पड़ता है। वह अरमान और अभिरा को रूही की हालत का जिम्मेदार ठहराती हैं। उनकी बातें कड़वी हैं, “तुम दोनों इस घर के लिए अभिशाप हो। रूही तुम्हारे बच्चे को जन्म दे रही है, वरना तुम्हें इस परिवार की परवाह ही नहीं।” यह सुनकर विद्या, जो हमेशा चुप रहती थीं, पहली बार दादी के खिलाफ बोल पड़ती हैं। वह कहती हैं, “मां, अरमान मेरा बेटा है, चाहे वह मुझे माने या न माने। हमने उससे बहुत गलतियां कीं, पर अब मैं उसे खोना नहीं चाहती।”
विद्या का यह फैसला कि अरमान और अभिरा घर वापस आएंगे, दादी को बिल्कुल मंजूर नहीं। वह सख्त लहजे में कहती हैं, “यह लड़का और उसकी पत्नी कभी इस घर में नहीं लौटेंगे।” दूसरी तरफ, अरमान अपनी मां की यादों और रूही की जिम्मेदारी के बीच फंसा हुआ है। अभिरा उसे समझाती है, “अरमान, अगर हमारी मां होतीं, तो वह भी यही कहतीं कि हमें रूही के लिए घर लौटना चाहिए।” यह सुनकर अरमान का मन डोल जाता है, पर वह अभी भी फैसला नहीं कर पाता। एपिसोड का अंत एक सवाल के साथ होता है – क्या अरमान और अभिरा सचमुच घर लौट पाएंगे, या दादी की जिद उनके रास्ते में रोड़ा बन जाएगी?
अंतर्दृष्टि (Insights)
इस एपिसोड में भारतीय परिवारों की गहरी भावनाएं और जटिल रिश्ते साफ झलकते हैं। रूही का दर्द हर उस औरत की कहानी है, जो अपने पति को खोकर भी अपने बच्चे के लिए जीने की हिम्मत जुटाती है। उसका खुद को “बुरी औरत” कहना समाज के उस दबाव को दिखाता है, जो औरतों से परफेक्ट होने की उम्मीद करता है। वहीं, अभिरा की हिम्मत और समझदारी एक नई पीढ़ी की बहू की ताकत को दर्शाती है, जो मुश्किल वक्त में भी परिवार को जोड़े रखती है। अरमान का अपने भाई और मां के लिए गिल्ट महसूस करना एक बेटे और भाई के कर्तव्य और प्यार को उजागर करता है। विद्या का दादी के खिलाफ खड़ा होना एक मां की ममता और साहस की मिसाल है, जो अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। यह एपिसोड बताता है कि परिवार में प्यार और गलतफहमियां साथ-साथ चलती हैं, पर सच्चाई और माफी ही रिश्तों को बचा सकती है।
समीक्षा (Review)
यह एपिसोड भावनाओं का एक रोलरकोस्टर है। कहानी में दुख, उम्मीद और पारिवारिक तनाव का ऐसा मिश्रण है कि दर्शक खुद को किरदारों के साथ जोड़ लेते हैं। रूही और अरमान की बातचीत दिल को छू लेती है, खासकर जब रूही अपने बच्चे को भूल जाने का अफसोस जताती है। दादी का गुस्सा और विद्या का जवाब कहानी में नाटकीयता को बढ़ाते हैं, जो हिंदी धारावाहिकों की खासियत है। हालांकि, कुछ पल थोड़े लंबे खिंचते नजर आए, जैसे रूही का बार-बार रोहित को याद करना, जो थोड़ा दोहराव सा लगा। फिर भी, किरदारों की गहराई और उनके बीच का तनाव इस एपिसोड को यादगार बनाता है। अंत में दादी की जिद और विद्या का फैसला अगले एपिसोड के लिए उत्सुकता बढ़ा देता है।
सबसे अच्छा सीन (Best Scene)
सबसे अच्छा सीन वह है जब विद्या पहली बार दादी के खिलाफ बोलती हैं। उनकी आवाज में ममता, दर्द और हिम्मत का ऐसा संगम है कि दर्शकों की आंखें नम हो जाएं। जब वह कहती हैं, “मां, मैंने एक बेटा खो दिया, दूसरा नहीं खो सकती,” तो यह पल न सिर्फ विद्या के किरदार को नई ऊंचाई देता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि एक मां अपने बच्चों के लिए कितना कुछ सह सकती है। दादी का चुप रह जाना और विद्या का दृढ़ निश्चय इस सीन को भावनात्मक रूप से बहुत प्रभावशाली बनाता है।
अगले एपिसोड का अनुमान
अगले एपिसोड में अरमान और अभिरा के घर लौटने का फैसला बड़ा मोड़ ला सकता है। शायद दादी अपनी जिद पर अड़ी रहें और कोई नया ड्रामा शुरू करें, या फिर रूही की हालत को देखते हुए परिवार एकजुट होने की कोशिश करे। अरमान का मन शायद अभी भी डगमगाए, पर अभिरा उसे समझाकर घर की ओर ले जाए। यह भी हो सकता है कि रोहित की कोई आखिरी निशानी सामने आए, जो सबके लिए नया रहस्य खोले। कुल मिलाकर, अगला एपिसोड भावनाओं और अनसुलझे सवालों से भरा होगा।